सुबह 9.40 बजे, कालवाड़ रोड जोशी मार्ग के नजदीक पीएनबी शाखा
हेड कैशियर नरेन्द्र सिंह शेखावत: गुत्थमगुत्था हो गए, तीन गोलियां लगीं
नरेन्द्र जान की परवाह किए बिना हथियार से लैस दोनों लुटेरों से गुत्थम-गुत्था हो गए। छूटने के लिए एक लुटेरे ने चार फायर किए, जिसमें तीन गोली हेड कैशियर नरेन्द्र के पेट, पीठ और सीने के पास लगी। चौथी गोली गुत्थम-गुत्था हो रहे लुटेरे के पैर में लगी। नरेन्द्र के लहूलुहान होने पर लुटेरे छूटकर बैंक के बाहर भागे।
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गेट से बाहर निकलते ही गोली मारने वाला लुटेरा बैंक के रैम्प से सड़क की तरफ भाग रहा था, तभी रैम्प पर फिसलकर गिर गया। इस दौरान बैंक के अंदर से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रमेश सैनी भी चिल्लाते हुए बाहर निकला और रैम्प पर गिरे लुटेरे पर बैठ गया। नजदीक दुकानदार ललित कुमार भी वहां पहुंचा और रैम्प पर पड़े लुटेरे के सिर पर पैर रखकर खड़ा हो गया। इस दौरान नजदीक चाय की दुकान करने वाला अशोक कुमार व अन्य लोग आ गए। उसी समय वहां चेतक पुलिस पर तैनात महिला कांस्टेबल मेनका कुमारी पहुंच गई। मेनका ने लुटेरे के हाथ-पैर बंधवा दिए और उससे पिस्टल छीन ली।
मूलत: कोटपूतली के आजाद चौक हाल हरिनगर सिविल लाइंस निवासी सरगना भरत सिंह मीणा और उसके हनुमानगढ़ के भादरा स्थित मेहराणा निवासी मौसेरे भाई मनोज मीणा को गिरफ्तार किया।
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सुबह 9.30 बजे: मैनेजर मनीष सैनी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रमेश सैनी व महिला कर्मचारी विनेश चौधरी बैंक में पहुंचे।
सुबह 9.40 बजे: मुंह पर नकाब व हाथों में दस्ताने पहने हुए दो लुटेरे बैंक के अंदर पहुंचे। लुटेरा मनोज डमी पिस्टल लेकर चैनल गेट के पास खड़ा हो गया और भरत ने असली पिस्टल दिखा तीनों कर्मचारियों को बंधक बना लिया।
सुबह 9.45 बजे: हेड कैशियर नरेन्द्र सिंह पहुंचे। तब स्ट्राॅन्ग रूम का अलार्म बज रहा था। नरेन्द्र अलार्म बंद करने के लिए गए, तभी लुटेरे मनोज ने बंधक बनाने का प्रयास किया। नरेन्द्र माजरा भांपकर उससे भिड़ गए। तभी लुटेरा भरत वहां आ गया और नरेन्द्र के चंगुल से मनोज को छुड़ाने का प्रयास किया। इसी दौरान नरेन्द्र ने भरत को भी पकड़ लिया। तभी भरत ने पिस्टल से चार फायर कर दिए।