करणी सिंह राठौड़ अपनी कार में भांकरोटा कृषि फार्म से जयपुर लौट रहे थे। इसी दौरान उनकी कार अचानक आग की चपेट में आ गई। आग इतनी भयावह थी कि कार जलने में कुछ ही मिनट लगे। राठौड़ को बचने का कोई मौका नहीं मिल पाया। राठौड़ मूल रूप से चूरू जिले के रहने वाले थे। उनके पैतृक गांव लूनासर में मातम का माहौल है। करणी सिंह अपने अनुशासन और समाजसेवा के लिए जाने जाते थे। उनके जाने से समाज ने एक कर्मठ और ईमानदार शख्सियत खो दी है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार सवेरे करीब छह बजे डीपीएस स्कूल कट के सामने भांकरोट में गैस कांड की भेंट कई शहरों के लोग चढ़ गए हैं। अब तक 13 मौतों की पुष्टि हो चुकी है और करीब चालीस से ज्यादा अस्पताल में भर्ती हैं। उनमें से आधे लोग पचास फीसदी से ज्यादा झुलसी हालत में हैं। केंद्र और राज्य सरकार ने मुआवजे की घोषणा कर दी है। इस घटना ने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया है।
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