दीवार को छूने पर घुसपैठिए को बिजली का करंट लगेगा। साथ ही, घुसपैठ या अन्य कोई गतिविधि की फोटो और स्थान की जानकारी मिल जाएगी। सीआइएसएफ के कमांडेंट नरपत सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट की 15 किलोमीटर परिधि में यह सुरक्षा प्रणाली लागू की जा रही है। यह कार्य तीन चरणों में पूरा होगा, जिसमें पहले चरण का 1.2 किलोमीटर का काम इसी महीने पूरा हो जाएगा।
अत्याधुनिक वीडियो एनालिटिक्स सॉटवेयर से लैस यह प्रणाली रियल-टाइम सर्विलांस को मजबूत बनाएगी। इसके अलावा, बाउंड्री के पास व्यू कटर लगाए गए हैं, जिनमें ऊंची लोहे की जालियां लगाई गई हैं। इससे बाहर से एयरपोर्ट के अंदर का दृश्य देखना असंभव होगा।
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