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ऐसे समझें अंतर
इस पहल के तहत 95.5 प्रतिशत पारंपरिक लाइटों को 6347 एलईडी बल्बों से बदल दिया है। यह पारंपरिक रोशनी की तुलना में प्रति वर्ष 236108.4 केडब्ल्यूएच ऊर्जा की बचत करते हैं। रोजाना तीन घंटे के औसत दैनिक उपयोग को मानते हुए, एक बल्ब प्रति वर्ष 47.1 किलोवाट घंटे की खपत करता है, और एक एलईडी बल्ब 9.9 किलोवाट घंटा प्रति वर्ष (ईपीए 2019) की खपत करता है।
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ऊर्जा की हुई बचत
हवाईअड्डे की पर्यावरण के अनुकूल की गई इस हरित गतिविधि के परिणामस्वरूप ऊर्जा की बचत हुई है जो भारत में 52.7 घरों की ऊर्जा खपत के बराबर है। कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन के संदर्भ में एलईडी के संरक्षण के परिणामस्वरूप कार्बन डाई ऑक्साइड CO2 की कमी हुई है। जयपुर से दिल्ली के लिए राउंड ट्रिप वाले 6144 यात्रियों या जयपुर से दिल्ली की राउंड ट्रिप वाली 34 उड़ानों द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर है। एयरपोर्ट पर हरियाली विकसित करने के साथ ही हाल ही ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया गया है।