जयपुर

क्या है राज: रेजिडेंट डॉक्टर साक्षी के बाद अब अनु की मौत

पढऩे में भी अव्वल, फिर ड्यूटी के दौरान खुद को क्यों लगाया पोटेशियम क्लोराइड इंजेक्शन की हाइडोज, कोमा में चली गई थी, 11 दिन बाद हुई मौत

जयपुरDec 04, 2020 / 10:05 pm

Mukesh Sharma

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जयपुर. सवाईमानसिंह अस्पताल में मेडिसीन प्रथम वर्ष रेजिडेंट अनु अग्रवाल (भरतपुर के नगर निवासी) की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन की माने तो रेजिडेंट ने 1एबी बार्ड में ड्यूटी के दौरान खुद को पोटेशियम क्लोराइड इंजेक्शन की हाइडोज खुद के लगा ली। इससे वह कोमा में चली गई और 11 दिन बाद गुरुवार को उसकी मौत हो गई। रेजिडेंट की मौत के साथ ही खुद को हाइडोज पोटेशियम का इंजेक्शन लगाने का सवाल का जवाब दफन हो गया। अनु के रिश्तेदारों ने इतना जरूर बताया कि वह पढऩे में अव्वल थी। 12वीं कक्षा पास करने के साथ अजमेर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में चयन हो गया था। इसी वर्ष एमबीबीएस पूरी हुई और पीजी के लिए एसएमएस में चयन हो गया। सूत्रों के मुताबिक, काम के बोझ को लेकर वह तनाव में जरूर रहती थी। इस संबंध में अनु के परिजनों ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई है।

यही बोलती, सब अच्छा काम करते हैं मैं क्यों नहीं

पुलिस ने बताया कि अनु सवाईमानसिंह अस्पताल के पीजी हॉस्टल में रहती थी। उसकी रूम पार्टन ने बताया कि वह हमेशा कहती थी कि उसके साथ वाले सब काम कर लेते हैं। मुझसे क्यों नहीं होता है। वहीं 21 नवम्बर को अनु की दिल्ली में रहने वाली बड़ी बहन से बात हुई थी। बड़ी बहन ने भी पुलिस को बताया कि अनु से बात हुई, तब उसने कहा कि सब काम कर लेते हैं, लेकिन मुझसे क्यों नहीं होता है। लेकिन उसने सबकुछ सही बताया था।
यह हुआ था

एसएमएस अस्पताल के 1एबी वार्ड में 22 दिसम्बर की सुबह करीब साढ़े सात आठ बजे ड्यूटी के दौरान अनु ने खुद को इंजेक्शन लगा लिया। हाइडोज होने के कारण वह कोमा में चली गई। तब से मेडिकल आइसीयू में भर्ती थी।

रेजिडेंट साक्षी की आत्महत्या का मामला हुआ दफन


गौर करने वाली बात है कि कुछ माह पहले महिला चिकित्सालय में रेजिडेंट साक्षी ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। परिजनों ने सीनियर्स पर प्रताडऩा का आरोप लगाया और इस संबंध में लालकोठी थाने में मामला दर्ज करवाया। लेकिन बाद में पुलिस ने उक्त मामले में एफआर लगा दी थी।

करीब पचीस दिन पहले हुई डॉक्टर की मौत

पुलिस ने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में रहने वाले चूरू निवासी डॉक्टर मयंक वर्ष 2016 में छत से गिरकर घायल हो गए थे। तब से उनका उपचार चल रहा था। करीब पचीस दिन पहले ही उनकी मौत हो गई।

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