Jaipur 2008 Blast Verdict : जयपुर शहर में परकोटे में 11 साल पहले हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की तस्वीरें आज भी लोगों के जहन में ताजा हैं। बम धमाकों की गूंज और उससे फैले आतंक के बाद भले ही चारदीवारी के लोगों की जिंदगी पटरी पर लौट आई है, लेकिन आज भी मौका स्थलों पर हालात नहीं बदले हैं। इस तरह की घटना के फिर से दोहराव से बचने के लिए अभी भी प्रशासन को सबक लेने की जरूरत है। परकोटे में आज भी सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर पुलिस के जवानों की तैनातगी है। ट्रेफिक के जवान भी कई पोइंट्स पर तैनात रहते हैं। लेकिन परकोटे भीड़भाड़ के साथ ही वाहनों की कई स्थानों पर अतिक्रमण से मुश्किलें अभी तक कम नहीं हुई हैं।
चाहें बड़ी चौपड़ की बात करें चाहें छोटी चौपड़ के साथ अन्य नजदीकी स्थानों की। भीड़भाड़ के साथ ही वाहनों की बेतरतीब लाइनें, अतिक्रमण के साथ अन्य कई समस्याओं से अभी भी भीड़भाड़ का फायदा उठाकर यहां कोई भी लावारिस वस्तु छोड़कर किसी अनहोनी को अंजाम देने की आशंका बनी हुई है। बड़ी चौपड़ स्थित हवाहमल खंदा के व्यापारी पूनम गोटा का कहना है कि बम ब्लास्ट को समय गुजर गया। कई लोगों ने अपनों को खो दिया। काफी लोग घायल भी हुए। लेकिन उसके बावजूद अभी तक ब्लास्ट वाले क्षेत्रों के साथ परकोटे के अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में कई माकूल इंतजाम करने की जरूरत है।
जरूरी इंतजाम की जरूरत
स्थानीय लोगों का कहना है कि परकोटे में रहने वाली भीड़भाड़ के हिसाब से यहां पुलिस, इंटेलीजेंस, ट्रेफिक के जवान तैनात किए जाने चाहिए ताकि ठीक तरीके से नजर रखी जा सके। सीसीटीवी के साथ ही ड्रोन के जरिए नजर रखने के साथ ही समय समय पर पुलिस गश्त की व्यवस्था भी की जानी चाहिए।
चार आरोपी दोषी करार
आपको बता दें कि जयपुर में 13 मई 2008 की शाम आठ स्थानों पर सीरियल बम ब्लास्ट हुए। हालांकि जयपुर बम ब्लास्ट मामले में स्पेशल कोर्ट ने चार आरोपियों को दोषी मान लिया है। कोर्ट ने सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान और सलमान को दोषी माना है। वहीं, पांचवे आरोपी मोहम्म्द शहबाज हुसैन को बरी कर दिया है।