सीएम गहलोत ने कहा कि विधायकों को किसी भी कीमत पर दल-बदल के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। लोकतंत्र में हमारी लड़ाई विचारधारा की होती है, सभी को अपनी विचारधारा के प्रति निष्ठावान होना चाहिए। इधर गहलोत भले ही देश भर से आए विधायकों को दल बदल नहीं करने की हिदायत दे रहे हों , लेकिन उनके दूसरे और तीसरे कार्यकाल में बसपा विधायक दल-बदल कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि जब मुख्यमंत्री गहलोत अपना संबोधन दे रहे थे, तब बसपा से कांग्रेस में आए कई विधायक भी सम्मेलन में मौजूद थे।
आजादी के 70 साल बाद भी हमारा लोकतंत्र मजबूत
गहलोत ने कहा कि आजादी के 75 साल के बाद भी हमारा लोकतंत्र मजबूत है, हमारे साथ ही पाकिस्तान भी अलग राष्ट्र बना था लेकिन वहां बार-बार सैनिक शासन लगते रहे हैं, लोकतंत्र की हत्या होती रही हैं लेकिन हमारे देश में आज भी लोकतंत्र मजबूत हैं, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपनी शहादत दे दी लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए।
गलत करने वालों का साथ नहीं दें जनप्रतिनिधि
गहलोत ने कहा कि विधायक-सांसद हो या अन्य जनप्रतिनिधि हो, उन्हें अन्याय, अत्याचार और उत्पीड़न करने वालों के साथ खड़े नहीं होना चाहिए न ही उनकी सिफारिश करनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि आज वैचारिक मतभेद दुश्मनी में बदल गए हैं, पक्ष-विपक्ष के बीच तनाव बढ़ रहा है, इसे कम करने के लिए सत्ता पक्ष को पहल करनी चाहिए, जहां जिस पार्टी की सरकार हो, वहां उसे पहल करनी चाहिए।
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