जयपुर

क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 का 22 टन थ्रस्ट स्तर पर सफल परीक्षण

Isro tested : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 के अपरेटेड संस्करण का सफल परीक्षण किया है। इस इंजन का प्रयोग इसरो के भविष्य के जीएसएलवी मिशनों में होगा। इसरो की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 22 टन थ्रस्ट स्तर पर क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 इंजन को सबसे लंबी अवधि 650 सेकेंड तक सफलतापूर्वक परिचालित किया गया।

जयपुरDec 24, 2022 / 10:27 pm

Anand Mani Tripathi

Isro tested : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 के अपरेटेड संस्करण का सफल परीक्षण किया है। इस इंजन का प्रयोग इसरो के भविष्य के जीएसएलवी मिशनों में होगा। इसरो की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 22 टन थ्रस्ट स्तर पर क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 इंजन को सबसे लंबी अवधि 650 सेकेंड तक सफलतापूर्वक परिचालित किया गया।

यह हॉट टेस्ट तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रणोदन कॉम्प्लेक्स (आइपीआरसी) में किया गया। इस परीक्षण से क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 ने उड़ान के लिए 20 टन थ्रस्ट स्तर की आवश्यक योग्यता दक्षता कर ली। सीई-20 इंजन की डिजाइनिंग एवं विकास का काम केरल के वलियमाला स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (एलपीएससी) ने पूरा किया।

परीक्षण के दौरान क्रायोजेनिक इंजन सीई-20 को पहले 40 सेकेंड तक 20.2 टन थ्रस्ट स्तर पर परिचालित किया गया। इसके बाद 20 टन के सामान्य स्तर पर परिचालित किया गया। आखिरी 435 सेकेंड तक इस इंजन को 22.2 टन थ्रस्ट स्तर पर परिचालित किया गया। परीक्षण के दौरान इंजन का प्रदर्शन सामान्य रहा और तमाम मानदंडों पर परीक्षण अनुमानों के मुताबिक खरा उतरा।

इससे पहले इस इंजन का कुल 2720 सेकेंड की अवधि तक हॉट टेस्ट किया जा चुका था। अब 650 सेकेंड के परीक्षण के बाद कुल 3370 सेकेंड तक हॉट टेस्ट पूरा किया जा चुका है।

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