जयपुर

बाघ दिवस विशेष : राजस्थान बना बाघिस्तान…जंगलों में गूंज रही दहाड़, अब इतनी हुई संख्या

International Tiger Day 2024 : प्रदेश में बाघ-बाघिन के बढ़ रहे कुनबे से राजस्थान को बाघिस्तान कहा जाने लगा है। प्रदेश में बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

जयपुरJul 29, 2024 / 08:10 am

Kirti Verma

International Tiger Day 2024 : प्रदेश में बाघ-बाघिन के बढ़ रहे कुनबे से राजस्थान को बाघिस्तान कहा जाने लगा है। प्रदेश में बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। बाघों की संख्या 133 बताई जा रही है, जो अब तक सर्वाधिक है। जबकि गत वर्ष यह संख्या महज 120 ही थी। वन विभाग का कहना है कि इस बार रणथंभोर के अलावा सरिस्का से भी लगातार खुशखबरी मिली है। महज छह माह में 13 शावक जन्मे हैं। यूरोप, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान सहित कई देशों मेें रॉयल बंगाल टाइगर की उपप्रजाति नहीं है, जो यहां पाई जाती है। इसलिए दुनियाभर में हमारा दबदबा है।
चिंता भी बढ़ रही…
शिकार का टोटा:
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व व धौलपुर-सरमथुरा-करौली टाइगर रिजर्व में प्रबेस (भोजन) की कमी है। यहां छोटी-छोटी तलाइयां बनाने की जरूरत है। ताकि बारिश का पानी जमा हो सके।
यह भी पढ़ें

फर्जी पट्टों की तह तक जाएगी भजनलाल सरकार, भारी फर्जीवाड़े का जताया अंदेशा

नस्ल सुधार की जरूरत: प्रदेश के समस्त टाइगर रिजर्व में केवल रणभम्भोर नेशनल पार्क से ही बाघ-बाघिन भेजे गए हैं। जिससे इन बाघों में इनब्रीडिंग का खतरा बढ़ रहा है। ज्यादातर बाघिन मछली का ही कुनबा है। इनब्रीडिंग रोकने के लिए मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्यों से भी बाघ लगाने की जरूरत है।
कहां कितने बाघ

  1. रणथम्भोर
    2. सरिस्का
  2. मुकुंदरा
  3. रामगढ़
  4. करौली-धौलपुर
यह भी पढ़ें

25 साल की अनीता 4 लोगों को दे गई नई जिंदगी, ब्रेन डेड होने के बाद भी किए अंग दान

एक्सपर्ट व्यू
प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ रही है, जो सुखद है। क्योंकि जहां-जहां बाघ होगा, वो जंगल संरक्षित होगा।
-डीएन पाण्डेय, पूर्व प्रधान वन मुख्य संरक्षक, वन विभाग

Hindi News / Jaipur / बाघ दिवस विशेष : राजस्थान बना बाघिस्तान…जंगलों में गूंज रही दहाड़, अब इतनी हुई संख्या

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.