सब कमीशन भू-विरासत अंतर्राष्ट्रीय आयोग का हिस्सा है, जो दुनिया भर से प्रस्तर संसाधनों के पुरातात्विक और सांस्कृतिक महत्व पर जोर देता है। यह परिषद् ग्लोबल हेरिटेज स्टोन रिसोर्स मान्यता के लिए दुनिया भर से प्राप्त प्रस्तावों का मूल्यांकन कर कड़े मापदंडों के आधार पर संस्तुति प्रदान करती है। प्रो. पंडित पंजाब विश्विद्यालय व राजस्थान के कुछ भूवैज्ञानिकों के साथ मिलकर राजस्थान के प्रस्तर संसाधनों के अध्ययन में सक्रिय हैं।
2019 में भारत से पहले वैश्विक विरासत प्रस्तर संसाधन के रूप में मकराना संगमरमर को मान्यता दिलाने में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा 2022 में जैसलमेर चूना पत्थर और अरावली क्वार्टजाइट को वैश्विक विरासत प्रस्तर संसाधन के रूप में मान्यता दिलाने में भी इस शोध दल का प्रमुख योगदान रहा। राजस्थान में विभिन्न प्रकार के भवन निर्माण तथा पुरातात्विक और समसामयिक उपयोग वाले प्रस्तर संसाधनों के भंडार हैं। जिनमें कुछ मान्यता के मापदंडों को पूरा करते हैं। इन्हें वैश्विक विरासत प्रस्तर संसाधन की मान्यता दिलाने के लिये प्रयासों को बल मिलेगा।