जयपुर

पाकिस्तान के ‘थारपारकर‘ से उपजा है भारत के इस विशाल मरुस्थल का नाम! खूबियां ऐसी कि विदेशी भी करते ‘सलाम‘

अगर पूरे थार रेगिस्तान को सौर पैनलों की चादर से ढ़क दिया जाए, तो पूरे भारत में आसानी से बिजली की आपूर्ति एक साथ की जा सकेगी…

जयपुरJan 17, 2018 / 06:50 pm

पुनीत कुमार

जयपुर। फिल्मी कहानियों से लेकर इतिहास और भूगोल की किताबों तक में हम सबसे भारत के विशाल रेगिस्तान के बारे में जरुर ही पढ़ा होगा। राजस्थान की पहचान थार मरुस्थल को विश्व का 9वां सबसे बड़ा गर्म मरुभूमी कहा जाता है। लोगों को थार रेगिस्तान के बारे में कम ही जानने और पढ़ने को मिलता है। ऐसे में हम आपको थार रेगिस्तान से जुड़ी कुछ ऐसी ही दिलचस्प बातों से रु-ब-रु करवा रहे हैं, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
 

थार रेगिस्तान का 90 पीसदी हिस्सा भारत के राजस्थान जिले में स्थित है, जबकि बाकी क्षेत्र का पंजाब, हरियाणा और गुजरात में पड़ता है। तो पाकिस्तान में यह सिंध और पंजाब प्रांत तक फैला हुआ है। यह मरुभूमी लगभग 2 लाख 80 हजार वर्गकिमी क्षेत्र में फैला है, जिसका लगभग 95 फीसदी हिस्सा भारत में पड़ता है, और बाकी हिस्सा पाकिस्तान में स्थित है।
अगर थार की बात करें तो यहां दूर-दूर तक आसानी से बालू टिब्बे दिख जाएंगे। यहां गर्मियों रेगिस्तान की रेत गर्म होकर उबलने लगती है, जबकि ठंड के दिनों में यहां का तापमान काफी नीचे चला जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस विशाल थार मरुस्थल का नाम पाकिस्तान में स्थित थारपारकर के नाम पर पड़ा है। जबकि कुछ का कहना कि इसकी उत्पति थल शब्द से हुई है। समान्यत रेत के विशाल क्षेत्र को रेगिस्तान कहा जाता है। जहां बारिश काफी कम होती है।
Thar Desert
थार रेगिस्तान में लोगों की आबादी काफी कम पाई जाती है। यहां मीलों की दूरी पर एक या दो गांव देखने को मिल जाते हैं। यहां रहने वाले लोगों का मुख्य धंधा पशुपालन है। जबकि ऊंट के अलावा भेड़, बकरी और गाय यहां के आम पशुओं में से एक हैं।
Thar Desert
अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर पूरे थार रेगिस्तान को सौर पैनलों की चादर से ढ़क दिया जाए, तो पूरे भारत में आसानी से बिजली की आपूर्ति एक साथ की जा सकेगी। तो वहीं वैज्ञानिकों का मानना है कि किसी समय यह भूमि काफी उपजाऊ रही होगी, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण बाद में यह मरुभूमि में तब्दील हो गई।
solar panel
इसरो की एक रिपोर्ट की मानें तो थार रेगिस्तान हर साल उत्तर-पूर्व की ओर खिसक रहा है। जबकि इसी आगे बढ़ने की रफ्तार आधा किलोमीटर है। और यही कारण है कि राजस्थान की पहचान थार रेगिस्तान अब धीरे-धीरे हरियाणां, पंजाब, यूपी और मध्यप्रदेश तक भी फैलने लगा है। इतना ही इसके इसी फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने इंदिरा नहर बनाई, जिसकी लंबाई 649 किलोमीटर है। जहां हरियाली लाने की कोशिश में भारत सरकार जुटी हुई है।

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