सात मंजिला है भवन
राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है विधान सभा भवन। यह ज्योति नगर में 16.96 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस नये विधान सभा भवन का कार्य नवम्बर, 1994 में प्रारंभ हुआ तथा मार्च, 2001 में पूर्ण हुआ। इस सात मंजिले भवन की ऊंचाई 145 फीट है। इसका आच्छादित क्षेत्रफल 5.89 लाख वर्ग फुट है। मुख्य गुम्बद का व्यास 104 फीट है। सभा कक्ष की क्षमता 260 सदस्यों की है तथा भविष्यकालीन विधान परिषद् (उच्च सदन) के लिए एक समान क्षमता वाला कक्ष इसके ऊपर पाँचवें तल पर स्थित है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है विधान सभा भवन। यह ज्योति नगर में 16.96 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस नये विधान सभा भवन का कार्य नवम्बर, 1994 में प्रारंभ हुआ तथा मार्च, 2001 में पूर्ण हुआ। इस सात मंजिले भवन की ऊंचाई 145 फीट है। इसका आच्छादित क्षेत्रफल 5.89 लाख वर्ग फुट है। मुख्य गुम्बद का व्यास 104 फीट है। सभा कक्ष की क्षमता 260 सदस्यों की है तथा भविष्यकालीन विधान परिषद् (उच्च सदन) के लिए एक समान क्षमता वाला कक्ष इसके ऊपर पाँचवें तल पर स्थित है।
झरोखे-छतरियां-मेहराब बनाते हैं आकर्षक
भवन के बाहरी भाग को जोधपुर और बंसी पहाड़पुर पत्थर में बनी राजस्थान की प्रसिद्ध पारंपरिक आकृतियों जैसे कि झरोखे, छतरियों, कमानी, बारादरियों, मेहराबों, टोडी आदि से सजाया गया है। आतंरिक प्रवेश परिसर की दीवारों एवं छतों को जयपुर, शेखावाटी, मारवाड़ और मेवाड़ शैली की पारंपरिक कला का प्रतिनिधित्व करने वाली राजस्थान की प्रसिद्ध पारम्परिक कला से सुसज्जित किया गया है।
भवन के बाहरी भाग को जोधपुर और बंसी पहाड़पुर पत्थर में बनी राजस्थान की प्रसिद्ध पारंपरिक आकृतियों जैसे कि झरोखे, छतरियों, कमानी, बारादरियों, मेहराबों, टोडी आदि से सजाया गया है। आतंरिक प्रवेश परिसर की दीवारों एवं छतों को जयपुर, शेखावाटी, मारवाड़ और मेवाड़ शैली की पारंपरिक कला का प्रतिनिधित्व करने वाली राजस्थान की प्रसिद्ध पारम्परिक कला से सुसज्जित किया गया है।
सैटेलाइट मास्टर एन्टिना टेलीविजऩ सिस्टम
विधान सभा सचिवालय परिसर में विभिन्न कक्षों में स्थापित टेलीविजऩ सैट्स पर सदन की कार्यवाही का प्रसारण देखा जा सकता है। यह प्रणाली सदस्यों के फायदे के लिए है जो किसी समय-विशेष पर सदन में उपस्थित नहीं है और उनके लिए भी जो सभा की बैठकों को प्रत्यक्ष रूप से नहीं देख सकते।
विधान सभा सचिवालय परिसर में विभिन्न कक्षों में स्थापित टेलीविजऩ सैट्स पर सदन की कार्यवाही का प्रसारण देखा जा सकता है। यह प्रणाली सदस्यों के फायदे के लिए है जो किसी समय-विशेष पर सदन में उपस्थित नहीं है और उनके लिए भी जो सभा की बैठकों को प्रत्यक्ष रूप से नहीं देख सकते।
पूरे देश से मिली प्रशंसा
राजस्थान विधान सभा संसदीय बहस के अपने उच्च स्तर और सदन में कार्यवाहियों के अनुशासित आयोजन के साथ कुछ सुधारवादी विधियों, जिन्हें पूरे देश से प्रशंसा प्राप्त हुई, के लिए भी प्रतिष्ठित है।
राजस्थान विधान सभा संसदीय बहस के अपने उच्च स्तर और सदन में कार्यवाहियों के अनुशासित आयोजन के साथ कुछ सुधारवादी विधियों, जिन्हें पूरे देश से प्रशंसा प्राप्त हुई, के लिए भी प्रतिष्ठित है।
एकसदनीय है विधानमंडल, सदस्य संख्या है 200
राजस्थान विधान सभा एकसदनीय विधानमंडल है। विधान सभा सदस्यों अर्थात विधायकों का चुनाव सीधे जनता करती है। वर्तमान में इसमें विधायक संख्या 200 है। यदि जल्दी भंग नहीं किया जाए तो इसका समयान्तराल 5 वर्ष है। प्रथम राजस्थान विधान सभा (1952-1957) का उद्घाटन 31 मार्च 1952 को हुआ। इसमें 160 सदस्य थे।
राजस्थान विधान सभा एकसदनीय विधानमंडल है। विधान सभा सदस्यों अर्थात विधायकों का चुनाव सीधे जनता करती है। वर्तमान में इसमें विधायक संख्या 200 है। यदि जल्दी भंग नहीं किया जाए तो इसका समयान्तराल 5 वर्ष है। प्रथम राजस्थान विधान सभा (1952-1957) का उद्घाटन 31 मार्च 1952 को हुआ। इसमें 160 सदस्य थे।