एसीबी के डीजी डा. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि सर्च में आइएएस राजेन्द्र विजय व उसके परिजनों द्वारा कई बेनामी परिसम्पत्तियों में निवेश करने के साक्ष्य भी मिले हैं। एसीबी छह माह से राजेन्द्र विजय की सम्पत्तियों की जानकारी जुटा रही थी। सूत्रों के मुताबिक, सरकार को भी पता नहीं था कि एसीबी आइएएस राजेन्द्र विजय के पीछे लगी है। सरकार को भनक होती तो उन्हें दस दिन पहले कोटा संभागीय आयुक्त के पद पर नहीं लगाया जाता।
जानें आइएएस राजेन्द्र विजय की संपत्ति
एसीबी के डीजी डा. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि सर्च में आइएएस राजेन्द्र विजय व उसके परिजनों द्वारा कई बेनामी परिसम्पत्तियों में निवेश करने के साक्ष्य भी मिले हैं। राजेन्द्र विजय के पास वैध आय से आनुपातिक रूप से कहीं अधिक सम्पत्ति है। इनमें– आइएएस राजेन्द्र विजय के जयपुर तारों की कूट स्थित लक्ष्मी नगर आवास पर सर्च में 13 आवासीय व व्यावसायिक भूखण्डों के दस्तावेज मिले।
– टोंक रोड पर आलीशान मकान व अशोक मार्ग पर स्थित एक नामी ब्रांड का शोरूम, जगतपुरा में निर्माणाधीन व्यावसायिक बिल्डिंग भी शामिल।
– कैश में 2.22 लाख रुपए, 335 ग्राम सोने के आभूषण, 11 किलो 800 ग्राम चांदी के आभूषण, तीन चौपहिया वाहन मिले हैं।
– एक बैंक लॉकर (जिसकी तलाशी लेना शेष है) व 16 बैंक खाते होने की जानकारी मिली है।
– दौसा के दुब्बी गांव में स्थित आवास पर कोई नहीं मिला, इस पर मकान को एसीबी टीम ने सील कर दिया।