यह है पूरा मामला ( Jaipur News ) विधायक सुरेश रावत ने रूपनगढ़ के एक परिवार की दर्दभरी दास्तान सुनाई। उन्होंने बताया कि लोन नहीं चुकाने पर निजी फाइनेंस कंपनी ( Finance company ) ने गुरूवार को एक मकान को सीज़ करने की कार्रवाई की थी। इस इस दौरान कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों ने मकान में सो रही 9 माह की दुधमुंही बच्ची को भी बंद कर दिया। इस दौरान मासूम बंद मकान में भूख, प्यास से घंटों कराहती रही थी।
‘पुलिस, एसडीओ ने भी पीड़ित परिवार की बात नहीं सुनी’ विधायक के मुताबिक पड़ित परिवार ने मासूम बच्ची को सील घर से बाहर निकालने और ताला खोलने की गुहार लगाई थी। लेकिन मासूम की मां और दादा की बात भी फाइनेंस कंपनी के प्रतिनिधियों ने नहीं सुनी। विधायक का कहना है कि पुलिस, एसडीओ ने भी पीड़ित परिवार की बात नहीं सुनी। जिसके बाद परिवार ने अजमेर जाकर ज़िला कलेक्टर से गुहार लगाई। आखिरकार कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस प्रशासन ने ताले खुलवाकर बच्ची को बाहर निकाला। लेकिन तब तक मासूम बच्ची और उसकी मां का रो रोकर हो चुका था।
मामले में कार्रवाई की मांग
इस मामले में विधायक सुरेश रावत ने की निजी फाइनेंस कंपनी, पुलिस, प्रशासन के ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की विधानसभा अध्यक्ष से मांग की, उन्होंने सरकार को प्रकरण में जवाब देने के निर्देश दिए। बच्ची के दादा के मुताबिक कोर्ट से स्टे होने के बावजूद अवैध तरीके से फाइनेंस कंपनी ने मकान को सीज़ कर दिया।