यह है अभिभावकों की मांगें
प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों का कहना था कि वह 3 मई 2021 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश और फीस एक्ट 2016 को लागू करवाए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। वहीं निजी स्कूल भी फीस को लेकर मनमानी कर रहे हैं। शिक्षामंत्री से कई बार शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ ऐसे में उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक फीस एक्ट को सही मानते हुए एक्ट के अनुसार निर्धारित सत्र 2019 20 की कुल फीस का अधिकतम 85 फीसदी फीस 6 किश्तों में जमा करवाए जाने हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिए हैं कि यदि आर्थिक परिस्थितिवश कोई अभिभावक फीस जमा करवाने में असमर्थ है तो स्कूल उनके बच्चों की पढ़ाई, रिजल्ट नहीं रोकेगा और ना ही उन्हें परीक्षा देने से रोका जा सकेगा।
प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों का कहना था कि वह 3 मई 2021 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश और फीस एक्ट 2016 को लागू करवाए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। वहीं निजी स्कूल भी फीस को लेकर मनमानी कर रहे हैं। शिक्षामंत्री से कई बार शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ ऐसे में उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक फीस एक्ट को सही मानते हुए एक्ट के अनुसार निर्धारित सत्र 2019 20 की कुल फीस का अधिकतम 85 फीसदी फीस 6 किश्तों में जमा करवाए जाने हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिए हैं कि यदि आर्थिक परिस्थितिवश कोई अभिभावक फीस जमा करवाने में असमर्थ है तो स्कूल उनके बच्चों की पढ़ाई, रिजल्ट नहीं रोकेगा और ना ही उन्हें परीक्षा देने से रोका जा सकेगा।