जयपुर

जिला शिक्षा अधिकारी पर फेंकी स्याही,डीईओ ने करवाया प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा

अभिभावक संघ के प्रदेशाध्यक्ष, प्रदेश प्रवक्ता सहित छह लोग पुलिस हिरासत मेंडीईओ ने करवाया प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमाफीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे थे अभिभावकशिक्षामंत्री को बर्खास्त करने की भी थी मांग

जयपुरJul 30, 2021 / 04:48 pm

Rakhi Hajela

जिला शिक्षा अधिकारी पर फेंकी स्याही,डीईओ ने करवाया प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा



जयपुर, 30 जुलाई
निजी स्कूलों में फीस एक्ट की पालना करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने आए अभिभावकों में से कुछ लोगों ने शुक्रवार को वार्ता के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया पर स्याही फेंक दी। इस पर पुलिस ने संयुक्त अभिभावक संघ के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल सहित कई लोगों को हिरासत में लिया है।
दरअसल, निजी स्कूलों में फीस एक्ट 2016 की पालना करवाने सहित 12 सूत्री मांगों को लेकर अभिभावक आज शिक्षा संकुल पर इक_ा हुए थे। शिक्षा संकुल के मुख्यद्वार पर प्रदर्शन करने के बाद उन्होंने अंदर जाने का प्रयास किया और रैली निकाली। मौके पर मौजूद पुलिस ने उनकी समझाइश की कि तो अभिभावक मुख्यद्वार पर ही धरना देकर बैठ गए और विभाग के उच्चाधिकारी को बुलाए जाने की मांग करने लगे। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया अभिभावकों से वार्ता करने शिक्षा संकुल के दरवाजे तक आए। तकरीबन 15 से20 मिनट तक वार्ता के बाद अचानक अभिभावकों में से एक शख्स ने जिला शिक्षा अधिकारी पिलानिया पर स्याही उछाल दी और भागने लगा। जिससे वहां हड़कम्प मच गया और प्रदर्शनकारी इधर उधर भागने लगे। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने पीछा कर उस शख्स को पकड़ लिया जिसने स्याही फेंकी थी। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग भी किया। इसके बाद पुलिस ने संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन सहित पांच.छह लोगों को हिरासत में लिया है। जहां से उन्हें बजाज नगर थाने ले जाया गया। वहीं डीईओ रामचंद्र पिलानिया ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने और मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई है।


यह है अभिभावकों की मांगें
प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों का कहना था कि वह 3 मई 2021 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश और फीस एक्ट 2016 को लागू करवाए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। वहीं निजी स्कूल भी फीस को लेकर मनमानी कर रहे हैं। शिक्षामंत्री से कई बार शिकायत करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ ऐसे में उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक फीस एक्ट को सही मानते हुए एक्ट के अनुसार निर्धारित सत्र 2019 20 की कुल फीस का अधिकतम 85 फीसदी फीस 6 किश्तों में जमा करवाए जाने हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिए हैं कि यदि आर्थिक परिस्थितिवश कोई अभिभावक फीस जमा करवाने में असमर्थ है तो स्कूल उनके बच्चों की पढ़ाई, रिजल्ट नहीं रोकेगा और ना ही उन्हें परीक्षा देने से रोका जा सकेगा।

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