जयपुर

महंगी बिजली से राजस्थान के उद्योग पस्त, 28 को हड़ताल, करोड़ों का होगा नुकसान, राजस्व में भी लगेगी चपत

उद्योगों के शीर्ष संगठन यूनाइटेड काउंसिल ऑफ राजस्थान इंडस्ट्रीज (यूकोरी) और विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष ताराचंद चौधरी ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से बिजली महंगी मिलने के कारण प्रदेश के उद्योगों को चलाना पहले ही मुश्किल हो रहा था।

जयपुरMay 26, 2023 / 10:14 am

Narendra Singh Solanki

महंगी बिजली के विरोध में राजस्थान के उद्योग 28 मई को बंद, करोड़ों का होगा नुकसान, राजस्व में भी लगेगी चपत

उद्योगों के शीर्ष संगठन यूनाइटेड काउंसिल ऑफ राजस्थान इंडस्ट्रीज (यूकोरी) और विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष ताराचंद चौधरी ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से बिजली महंगी मिलने के कारण प्रदेश के उद्योगों को चलाना पहले ही मुश्किल हो रहा था। ऐसे में जयपुर,अजमेर व जोधपुर वितरण निगमों ने स्पेशल फ्यूल सरचार्ज के मद में 7 पैसे प्रति यूनिट बिजली का और महंगा करना प्रदेश के उद्योगों के लिए घातक कदम है। सरकार जब तक इन समस्याओं का निराकरण नहीं करेगी विरोध जारी रहेगा और सरकार को चेताने के लिए 28 मई 2023 को एक दिन सांकेतिक उद्योग बंद करने का निर्णय लिया है। इस स्पेशल फ्यूल सरचार्ज के कारण भारी भरकम बिल बन गया है, जो उद्योगों के बिजली खपत से ज्यादा है। उद्यमी इतना बिल जमा कराने की स्थिति में नहीं है।

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पूरा बकाया सरचार्ज बिल में लगाना गलत

चौधरी ने कहा कि निगमों ने फ्यूल सरचार्ज 45 पैसे + स्पेशल फ्यूल सरचार्ज 7 पैसे= 52 पैसे प्रति यूनिट लगाया गया है, अब एक साथ पूरा बकाया सरचार्ज बिल में लगाने के कारण बहुत ज्यादा भारी भरकम बिल बन गया है जो उद्योगों के बिजली खपत से ज्यादा है। उघमी बिल जमा कराने की पोजीशन में नहीं है। नियामक आयोग के निर्णय के अनुसार 45 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज बिलो में लगना चाहिए था। 7 पैसे प्रति यूनिट स्पेशल फ्यूल चार्ज के रूप में विद्युत कंपनियों ने गलत लगाया है।

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रीको नहीं दे रहा वेयरहाउस को उद्योगों का दर्जा

वेयरहाउस और गोदाम को नगरीय विकास विभाग ने उद्योगों का दर्जा दे रखा है, लेकिन रीको इसे उद्योगों का दर्जा नहीं दे रही है, इससे उद्योगों के सामने बहुत बड़ी समस्या आ रही है। वेयरहाउस और गोदाम उद्योगों का ही पार्ट है अगर उद्योगों में गोदाम नहीं होंगे तो माल कहां रखेंगे। इसलिए सरकार से निवेदन है कि नगरीय विकास विभाग की तरह रीको को भी वेयरहाउस और गोदाम को इंडस्ट्रीज का दर्जा दिया जाए।

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नगरीय विकास शुल्क के नोटिस देना गलत

नगर निगम की ओर से अन्य गतिविधियां मानते हुए उद्योगों को नगरीय विकास शुल्क के नोटिस देकर परेशान करते हैं। नगर निगम ने प्राइवेट ठेकेदारों को रिकवरी का ठेका दे रखा है। ये नाजायज नगरीय विकास शुल्क को बढ़ा चढ़ाकर बिल देकर परेशान करते हैं। रीको औद्योगिक क्षेत्रों में रोड लाइट, रोड सफाई, नाली सफाई आदि सभी कार्य रीको करवाती है और रीको उद्योगों से सालाना सर्विस चार्ज वसूलता है।

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