जयपुर

New Study: करौली में पहली बार दिखा इंडियन राउंडलीफ बैट, पहले माना जा रहा था जोधपुर मे डेरा

माना जाता रहा है कि दक्षिणी एशिया के लिए आम इंडियन राउंडलीफ बैट (Hipposideros lankadiva) को राजस्थान में पहली बार जोधपुर में देखा गया था। हालांकि, एक नई स्टडी का दावा है कि इसे करौली जिले के कसेद स्थित गुफा में पहली बार देखा गया है।

जयपुरJan 30, 2023 / 03:48 pm

Amit Purohit

Indian roundleaf bat Hipposideros lankadiva /File Photo

एक अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन ‘जर्नल ऑफ थ्रेटेड टैक्सा’ (Journal of Threatened Taxa) में प्रकाशित स्टडी के अनुसार एच. लंकादिवा चमगादड़ की आबादी करौली कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य के बीच एक प्राकृतिक गुफा में है। कसेद गुफा (Kased Cave)150 फीट गहरी है जिसमें पानी भी उपलब्ध है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक चमगादड़ विद्वान वासन (Wason) के गलत तरीके से उद्धृत पाठ ने इस धारणा को जन्म दिया है कि हिप्पोसिडेरोस लंकादिवा को पहली बार राजस्थान में जोधपुर की भीमभड़क गुफा (Bhim Bharak caves) में देखा गया था। स्टडी में दावा है कि वासन के नोट की सावधानीपूर्वक समीक्षा से पता चला है कि वास्तव में इसमें जीनस, एच. फुलवस (genus, H. fulvus) से कोई अन्य प्रजाति का उल्लेख किया है।
दावा है कि इस गलत उद्धरण के कारण इस प्रजाति के पारिस्थितिक पहलुओं पर प्रकाशित कई शोध लेख गलत हो जाते हैं। लेखकों ने पूर्वी राजस्थान में एच. लंकादिवा की एक छोटी आबादी की खोज की और 2010 से इस नई आबादी की निगरानी की है। टाइगर वॉच के संरक्षण जीवविज्ञानी और अध्ययन के लेखक धर्मेंद्र खंडाल (Dharmendra Khandal) ने कहा, ‘चूंकि जोधपुर में भीम भड़क गुफा का स्थान गलत है, ऐसे में करौली में कसेद गुफा राजस्थान के लिए एच. लंकादिवा का एकमात्र स्थान है। और इसलिए राज्य से प्रजाति का पहला रिकॉर्ड है।
सबसे पहले श्रीलंका में दिखा:
शोधकर्ताओं ने बताया कि चमगादड़ सबसे पहले श्रीलंका (Sri Lanka) में खोजा गया था और इसकी खोज करने वाले वैज्ञानिक ने इसका नाम लंकादिवा रखा है, जिसका अर्थ है श्रीलंका की सुंदरता। यह चमगादड़ एक खास तरह के नम वातावरण में रहना पसंद करता है।

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