दरअसल, रेलवे यात्रियों को रिजर्वेशन करवाते समय ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम का विकल्प मिलता है, जिसमें यात्रियों को बिना किसी शुल्क के एक क्लास से दूसरे क्लास में अपग्रेड कर दिया जाता है। यानी यदि यात्री ने स्लीपर क्लास में रिजर्वेशन करवाया है और उसमें बर्थ नहीं है, तो रेलवे उसे ऊपरी क्लास, जैसे थर्ड एसी में सीट अलॉट कर देता है।
हालांकि, ऑटो अपग्रेडेशन तभी संभव होता है, जब संबंधित क्लास में बर्थ उपलब्ध हो। इस बारे में उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि नाममात्र ही यात्री इस सुविधा का लाभ उठाते हैं, क्योंकि ज्यादातर को इसकी जानकारी ही नहीं है। इसको लेकर जागरूकता की जरूरत है। रेलवे को चाहिए कि वह मैसेज, सोशल मीडिया और अन्य तरीकों से लोगों को जागरूक करे।
इसलिए शुरू की गई थी सुविधा
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कई ट्रेनों में फर्स्ट एसी और सेकंड एसी में सीटें खाली रह जाती हैं, क्योंकि इनका किराया तुलनात्मक रूप से ज्यादा होता है। ऐसे में रेलवे को इन खाली सीटों का काफी नुकसान उठाना पड़ता था। इसके बाद रेलवे ने ऑटो अपग्रेड स्कीम शुरू की, जिसमें यदि अपर क्लास में कोई बर्थ खाली रह जाती है, तो एक क्लास नीचे वाले यात्री को उस क्लास में अपग्रेड कर दिया जाता है।
त्योहारी सीजन में ज्यादा उपयोगी
इन दिनों त्योहारी सीजन चल रहा है और ज्यादातर ट्रेनों में लंबी वेटिंग चल रही है। रेलवे कई स्पेशल ट्रेनें दौड़ा रहा है और कई ट्रेनों में स्पेशल कोच भी जोड़ रहा है। इस भीड़-भाड़ में जिन यात्रियों को कन्फर्म सीट नहीं मिल पा रही है, वे इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।