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Indian Railways : राजस्थान में विवाद के बीच अटकी रेलवे की बड़ी सौगात , सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

Rajasthan News : उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर ट्रेक्शन सब स्टेशन (टीपीएसएस) बनाए गए हैं। इनका काम 132 केवी विद्युत ग्रिड से बिजली को लेकर ट्रेनों के संचालन के लिए 25 हजार केवी में कंवर्ट करना है।

जयपुरJun 24, 2024 / 11:19 am

Anil Prajapat

Indian Railways
Railway News : जयपुर। राजस्थान में 90 फीसदी से ज्यादा रेल लाइनें विद्युतीकृत हो चुकी हैं। उसके बाद भी रेलवे समस्त ट्रेनें, मालगाड़ियां इलेक्ट्रिक इंजन से नहीं दौड़ा पा रहा है। हाल ये है कि करोड़ों रुपए विद्युतीकरण पर खर्च के बाद भी ट्रेनें धुंआ ही फैला रही है। इसकी वजह राज्य सरकार और रेलवे के बीच बिजली की आपूर्ति को लेकर विवाद बताया जा रहा है।
दरअसल, उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर ट्रेक्शन सब स्टेशन (टीपीएसएस) बनाए गए हैं। इनका काम 132 केवी विद्युत ग्रिड से बिजली को लेकर ट्रेनों के संचालन के लिए 25 हजार केवी में कंवर्ट करना है। इसके लिए राज्य सरकार को रेलवे को रियायती दरों पर ओपन एक्सेस के तहत बिजली उपलब्ध करवा रहा था, लेकिन अब सरकार ने इसमें अड़ंगा लगा दिया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने रेलवे को रियायती दर की बजाय कंज्यूमर मोड पर बिजली देने की शर्त रखी थी, लेकिन रेलवे ने इसे मानने से इनकार कर दिया। क्योंकि उसे नई दरों के अनुसार बिजली आपूर्ति के लिए प्रति यूनिट 2 से 3 रुपए ज्यादा देने पड़ रहे हैं।
इस मामले में रेलवे बोर्ड ने दखल देते हुए प्रदेश के सीएस को समाधान के लिए पत्र लिखा था फिर हाल ही मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से बैठक में भी अधिकारियों ने मदद की बात कही, फिर भी समाधान नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। फैसला आने तक रेलवे का काम प्रभावित न हो इसके लिए बोर्ड ने जोनल रेलवे को सरकार की शर्त के माफिक दरों पर बिजली के कनेक्शन लेने के निर्देश दिए। जिसके बाद कुछ जगह कनेक्शन लिए गए हैं।

सालाना 3 हजार करोड़ बिजली यूनिट की जरूरत

जोन में अब तक 5500 किमी रेलमार्ग में से 90 फीसदी से अधिक विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। 550 में से करीब 200 ट्रेनें ही इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ रही है। इनके लिए सालाना 3 हजार करोड़ यूनिट बिजली की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में अब बीकानेर से सूरतगढ़, जयपुर से वाया मेड़ता, जोधपुर, सूरतगढ़ से अनूपगढ़-श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ समेत कई रूटों पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है, क्योंकि ट्रेक्शन पर बने सब स्टेशन चार्ज नहीं हो पा रहे हैं। इनके लिए 50 लाख यूनिट बिजली की अतिरिक्त जरूरत पड़ेगी। ऐसे में रेलवे पर नए चार्ज के अनुसार करीब 1.5 करोड़ रुपए का भार ज्यादा पड़ेगा। रेलवे इसको लेकर असमंजस में है।

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