हादसा रोकना बड़ी चुनौती
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक की क्षमता बढ़ाने के साथ ही तेज गति से दौड़ने वाली ट्रेनों से होने वाले हादसे रोकना भी बड़ी चुनौती है। इसके लिए रेलवे ट्रैक पर डबल डिस्टेंसिंग सिग्नलिंग की व्यवस्था की गई है। ट्रैक के दोनों ओर लोहे के तारों से फेंसिंग की गई है। इससे मवेशी ट्रैक पर नहीं आ सके। साथ ही दुर्घटना की आशंका वाले रेलवे फाटक को भी बंद दिया गया है।
यह भी पढ़ें – जयपुर से धार्मिक स्थलों का ट्रेन कनेक्शन नाममात्र, हरिद्वार के लिए 3 ट्रेनें, अयोध्या के लिए सिर्फ एक, श्रद्धालु मायूस
130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेनें
उत्तर पश्चिम रेलवे सीपीआरओ कैप्टन शशिकिरण ने बताया रेलवे ट्रैक की क्षमता 110 से बढ़कर 130 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। इसके बाद सीआरएस निरीक्षण होगा फिर ट्रेनें तेज गति से दौड़ने लगेगी।
यह भी पढ़ें – जयपुर जंक्शन से अब 6 ट्रेनों की आवाजाही नहीं, बदल गया है स्टेशन