शफी का नाम पहली बार तब सामने आया, जब 2014 में इंडियन मुजाहिदीन आतंकी जियाउर रहमान व उसके तीन सहयोगियों को
अजमेर,
जयपुर से गिरफ्तार किया। ये राजस्थान में आतंक की आहट कहा जा सकता है। इनमें
जयपुर निवासी मोहम्मद मारूफ़, हनीफ
जोधपुर के खालिद का नाम शामिल था। इसके अलावा इसी वर्ष सऊदी अरब से प्रत्यर्पित रतनगढ़, चूरू के रहने वाले आईएस से जुड़े अयान खान सलाफी से पूछताछ के दौरान भी राजस्थान एटीएस को शफी के कनेक्शन का पता चला था। एटीएस को शक था कि शफी प्रदेश के युवाओं का ब्रेनवाश कर रहा था।
करता था ऑनलाइन आपरेट
राष्ट्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि शफी ने तकऱीबन चार दर्जन युवाओं का इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए ब्रेनवाश किया था। देश के अलग अलग हिस्सों में भटकल भाइयों ने जितनी वारदातें कीं, उनमे ऑनलाइन ऑपरेशन की सारी जिम्मेदारी शफी संभालता था।
बन गया आईएस समर्थक
शफी और उसके भाई सुलतान अमरार की आतंकी गतिविधियों की शुरुआत इंडियन मुजाहिदीन से हुई थी। दोनों को ही रियाज भटकल इंडियन मुजाहिदीन में लेकर आया था। कुछ समय बाद रियाज भटकल से नाराज होकर दोनो भाइयों ने अल कायदा में शामिल होने का फैसला किया।
– शफी का नाम अयान से पूछताछ में सामने आया था, इस मोस्टवांटेड आतंकी के मारे जाने की खबर हमें मिल चुकी है।
उमेश मिश्रा, एडीजी एटीएस