यह भी पढ़े: सोने की कीमतों में भारी गिरावट, चांदी में भी जबरदस्त मंदी…जानिए आगे होगा क्या सुनुश्चित कैश फ्लो की जानकारी: प्रत्येक सौदे की शर्तें पूर्व निर्धारित होती हैं, जिसमें पूरे लीज अवधि के लिए होने वाले मासिक भुगतान का विवरण पहले से मौजूद होता है। बाजार की अस्थिरता से निवेश मूल्य प्रभावित नहीं होता है। दैनिक बाजार की चाल के साथ, म्युचुअल फंड और स्टॉक में उतार-चढ़ाव होता रहता है, जिससे पूंजी मूल्य प्रभावित होता है। लेकिन, परिसंपत्ति पट्टे पर देने के मामले में ऐसा कुछ नहीं होता है, क्योंकि यह एक निश्चित समझौता है और इसलिए कोई भी बाजार गतिविधि या उतार-चढ़ाव निवेश के मूल्य को प्रभावित नहीं करता है।
नियमित नकदी प्रवाह: नकदी की जरूरत हो या फिर सुरक्षा की दृष्टि से ही इस योजना में मासिक नकदी प्रवाह सुनिश्चित रहता है, जिससे लिक्विडिटी बाधित नही होती है। निवेश की सुरक्षा: हालांकि यह निवेश फिक्स्ड डिपाजिट (सावधि जमा) की तुलना में जोखिम भरा है, लेकिन परिसंपत्ति का स्वामित्व केवल निवेशक एलएलपी के पास होता है, ऐसे में देरी या डिफॉल्ट के मामले में संपत्ति का कब्जा वापस लेने का सुरक्षित विकल्प मौजूद रहता है।
यह भी पढ़े: सोयाबीन की फसल बेमौसम बारिश से खराब, खाने के तेल के बढ़ सकते हैं दाम टैलविन्ड फाइनेंसियल सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर ऋषभ गोयल का कहना है कि नियमित नकदी प्रवाह और आकर्षक प्रतिफल के साथ एसेट लीजिंग एक दिलचस्प इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। पट्टा किराए का भुगतान करने में देरी या अक्षमता की संभावना के संदर्भ में निवेशकों को जोखिमों से सावधान रहने की जरूरत है। निवेशकों के पास चुनने के लिए ढेरों विकल्प हैं। मौजूदा माहौल में एसेट लीजिंग सबसे अलग है और निवेशकों को बेहतर निवेश निर्णय लेने के लिए अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से इसकी खूबियों और उपयुक्तता को समझना जरूरी है।