आयकर विभाग की टीम विशेषज्ञों के साथ जिस तरह जुटी है, उससे माना जा रहा है कि इन तीनों समूहों के यहां अघोषित लेनदेन का मामला पौने दो हजार करोड़ तक पहुंच सकता है। चार दिन से विभाग की 40 टीमों के तहत 200 अधिकारी-कर्मचारी काला धन निकालने में जुटे हैं। 19 जनवरी को तड़के 4 बजे शुरू हुई इस कार्रवाई में अब तक 1400 करोड़ की अघोषित संपत्ति का खुलासा हो चुका है।
ज्वैलर के घर स्थित गुफा में मिले दस्तावेजों में अल्फा-न्यूमेरिक सीक्रेट कोड के भारी पैमाने पर दस्तावेज मिल रहे हैं। इन सीक्रेट कोड में ही कारोबारी के प्रत्येक आइटम की वास्तविक बिक्री की कीमत छुपी हुई है। आयकर विभाग की टीमें इन सीक्रेट कोड्स को डी-कोड करने में जुटी हुई हैं। इन ज्वैलर्स के यहां मिली सुरंग में एंटीक सामान, ज्वैलरी, स्टॉक के अलावा बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। ऐसे में इनके शोरूम व घर पर सामान के वैल्यूएशन और विशेषज्ञों की पड़ताल देर रात तक जारी रही। समूह के ठिकानों से मिले दस्तावेजों में विदेशी यात्रियों को बड़ी कीमतों पर बेची गई ज्वैलरी का खुलासा हुआ है।
सीसीटीवी फुटेज जब्त
इन समूहों के व्यावसायिक प्रतिष्ठान और घरों से आयकर विभाग ने सीसीटीवी फुटेज भी जब्त किए हैं। इन तीनों समूहों के घरों पर कार्रवाई का दौर शनिवार को पांचवें दिन खत्म हो सकता है। इसके बाद आयकर विभाग के अफसर कागजों की पड़ताल कर टैक्स चोरी की गणना करेंगे।
2003 में पकड़ा था सबसे बड़ा एंटीक सामान तस्कर
इस कार्रवाई में मूर्ति तस्कर वामन नारायण घीया की याद ताजा हुई है। वर्ष-2003 में घीया को एंटीक सामान के कारोबार और मूर्ति तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। घीया लंबे समय तक जेल में रहा था और जेल में ही उसकी मृत्यु हुई थी।