नई कर व्यवस्था अब डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था है, जिसमें कर छूट को 7 लाख रुपये तक की आय तक बढ़ा दिया गया है और मूल छूट सीमा 3 लाख रुपये है।
आयकर निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए करदाताओं के लिए खुशखबरी!
अब आयकर चुनाव कोई पेचीदा मामला नहीं रहा! आयकर विभाग का नया आयकर कैलकुलेटर करदाताओं को नई और पुरानी कर व्यवस्थाओं के बीच आसानी से तुलना करने में सहायता करता है। यह
कैलकुलेटर एक ही स्थान पर दोनों व्यवस्थाओं के तहत कर देयता और कर बचत की गणना दिखाता है।
पहले चरण में, आपको अपनी आय या वेतन राशि दर्ज करनी होगी। इसके बाद, आप पुराने कर व्यवस्था में वेतन से घटाने योग्य राशि, लेकिन नई व्यवस्था में अनुमति न दी गई राशि को भी दर्ज कर सकते हैं। अगले चरणों में, स्व-अधिमृत गृह संपत्ति पर ब्याज, वेतन के अलावा अन्य आय, विशेष दर वाली आय इत्यादि दर्ज करने का विकल्प होता है। इसके बाद, दोनों व्यवस्थाओं के तहत अनुमत कटौतियों और नई व्यवस्था में अनुमति न दी गई कटौतियों को भी दर्ज करना होगा।
यह कैलकुलेटर दोनों व्यवस्थाओं के तहत आपके कर देयता और कर बचत को एक साथ प्रदर्शित करेगा। इससे करदाताओं को अलग से अपनी कर देयता की गणना करने और फिर दोनों व्यवस्थाओं की तुलना करने की आवश्यकता नहीं होगी। इतना ही नहीं, विभिन्न आय वर्गों के लिए ब्रेकइवन कटौती सीमाओं की सूची भी दी गई है, जो सही कर व्यवस्था चुनने में और अधिक सहायता करेगी।
नई या पुरानी कर व्यवस्था: आप के लिए कौन सी बेहतर है?
आपकी कटौती कितनी है? यह तय करने में आपकी मदद करेगा कि नई या पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर है। कम कटौती (नई व्यवस्था बेहतर): - 8 लाख रुपये की आय: 1,87,500 रुपये से कम कटौती
- 9 लाख रुपये की आय: 2,37,500 रुपये से कम कटौती
- 10 लाख रुपये की आय: 2,62,500 रुपये से कम कटौती
- 12.5 लाख रुपये की आय: 3,12,500 रुपये से कम कटौती
- 15 लाख रुपये की आय: 3,75,000 रुपये से कम कटौती
अधिक कटौती (पुरानी व्यवस्था बेहतर): - 8 लाख रुपये की आय: 1,87,500 रुपये से अधिक कटौती
- 9 लाख रुपये की आय: 2,37,500 रुपये से अधिक कटौती
- 10 लाख रुपये की आय: 2,62,500 रुपये से अधिक कटौती
- 12.5 लाख रुपये की आय: 3,12,500 रुपये से अधिक कटौती
- 15 लाख रुपये की आय: 3,75,000 रुपये से अधिक कटौती
याद रखें: - यह सिर्फ एक अनुमान है। सटीक गणना के लिए, आयकर विभाग का कैलकुलेटर इस्तेमाल करें।
- अन्य कारक भी हैं जिन पर विचार किया जाना चाहिए, जैसे कि आपके द्वारा किए गए निवेश।
- यदि आप अभी भी अनिश्चित हैं, तो कर सलाहकार से सलाह लें।
नई कर व्यवस्था में कम टैक्स दरें हैं, लेकिन कई कटौतियों का लाभ नहीं मिलता है। पुरानी कर व्यवस्था में अधिक कटौतियों का लाभ मिलता है, लेकिन इसमें कर दरें थोड़ी अधिक होती हैं। अपनी कटौती के आधार पर सही कर व्यवस्था चुनें और टैक्स बचाएं!