भरतपुर रेंज आइजी ने 1 मार्च से साइबर ठगों के खिलाफ ऑपरेशन एंटी वायरस चला रखा है, जिसके तहत अब तक 900 साइबर ठग गिरफ्तार हो चुके, जबकि 123 नाबालिगों को ठगी करने के मामले में निरूद्ध करवाया जा चुका है।
इन साइबर ठगों ने देश के 28 राज्यों में ठगी के लिए पांव पसार रखे हैं। डीग क्षेत्र के ठगों ने करीब 8 माह में 6514 लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके। 8 माह में गिरफ्तार व निरूद्ध हो चुके ठगों के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में 5572 मुकदमे दर्ज हैं। भरतपुर रेंज आइजी कार्यालय की ओर से संबंधित राज्यों की पुलिस को ई-मेल व साइबर हेल्पलाइन पोर्टल के जरिए गिरफ्तार ठगों की सूचना भिजवा दी गई। इसके बावजूद बाहरी राज्यों की पुलिस इन ठगों को गिरफ्तार करके नहीं ले जा रही है। इससे मुकदमों में कार्रवाई नहीं होने से ठगों के हौसले बढ़ रहे हैं और कई गांवों में अधिकांश परिवार के परिवार साइबर ठगी में लगे हैं।
यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र के लोगों से सर्वाधिक ठगी
केन्द्र सरकार की हेल्पलाइन नंबर 1930 पर गत 8 माह में दर्ज शिकायत के मामलों में डीग क्षेत्र के जालसाजों ने सबसे अधिक उत्तरप्रदेश (यूपी) के लोगों को ठगी का शिकार बनाया। उत्तर प्रदेश पुलिस का भले ही गैंगस्टर्स में खौफ हो, लेकिन साइबर ठग उत्तर प्रदेश पुलिस से बेखौफ हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस भी इन साइबर ठगों को गिरफ्तार करके नहीं ले जा रही। डीग के साइबर ठग यूपी के बाद देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले लोगों को अधिक ठगी का शिकार बना रहे हैं। दिल्ली पुलिस देश में सबसे तेज तर्रार मानी जाती है, लेकिन डीग में गिरफ्तार हो चुके साइबर ठगों को दर्ज मुकदमों में गिरफ्तार कर ले जाने में फिसड्डी साबित हो रही है।
डीग क्षेत्र के साइबर ठगों के शिकार लोगों में टॉप 10 राज्यों में तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र और फिर तमिलनाडु, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल व गुजरात का आता है। जबकि मध्यप्रदेश का 11वां व छत्तीसगढ़ 12वां नंबर आता है। इसके अलावा केरला, असम, उड़ीसा, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश, चंडीगढ़, झारखंड, जम्मू एंड कश्मीर, पाण्डीचेरी, गोवा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर व अण्डमान निकोबार में रहने वाले लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं।