प्रदेश में बीजेपी ने दो बार 25 की 25 सीटों पर अपना दबदबा दिखाया है। वहीं एक बार फिर 25 सीटों को जीतने की योजना है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा कुछ सीटें गवा सकती है। करौली-धौलपुर सीट की बात करें तो समीकरण के आधार पर बीजेपी कम मार्जिन के साथ जीत सकती है। हालांकि भाजपा की जीत होगी या नहीं यह 4 जून को पता चल ही जाएगा।
सीएम के साथ पीएम ने भी की रैली
करौली-धौलपुर सीट पर सीएम भजनलाल शर्मा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली की। इससे भी साफ है कि यहां जीत दर्ज करने के लिए पीएम मोदी को आना पड़ा। वहीं अब सीएम भजनलाल शर्मा ने भी मोर्चा संभाला। विगत दो लोकसभा चुनाव में विपरीत रहा समीकरण
करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र के चुनावी समीकरण की बात की जाए तो साल 2014 और 2019 में विपरीत रहा है। विधानसभा चुनाव में समीकरण कांग्रेस के पक्ष में गए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी। इन दोनों चुनाव में भाजपा के डॉक्टर मनोज राजोरिया दो बार लगातार विजयी रहे थे।
सियासी जानकारों की मानें तो लोकसभा चुनाव में आम मतदाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को अधिक वरीयता देता है। हालांकि क्षेत्रीय बुनियादी मुद्दे करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र की जटिल समस्या है।
विधानसभावार समीकरण
वहीं इस बार भी धौलपुर से विधानसभा चुनाव 2023 में चारों विधानसभा क्षेत्र में से भाजपा खाता भी नहीं खोल पाई। धौलपुर, राजाखेड़ा और बसेड़ी से कांग्रेस विजय रही और बाड़ी से बहुजन समाज पार्टी ने बाजी मारी थी।
दूसरी ओर करौली जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों में करौली और सपोटरा पर बीजेपी और हिंडौन सिटी और टोड़ाभीम पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। लेकिन लोकसभा चुनाव में हर बार समीकरण विधानसभा चुनाव के विपरीत रहे हैं।
साल 2014 में मोदी लहर के चलते मनोज राजोरिया चुनाव जीते। जबकि 2019 में करौली-धौलपुर से फिर मनोज राजोरिया चुने गए। यहां से भाजपा कैंडिडेट मनोज राजोरिया को 5,26,443 वोट मिले थे। जबकि दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार संजय कुमार थे।
मतदाता कितने?
करौली धौलपुर संसदीय क्षेत्र से 19 लाख 71 हजार 144 मतदाता है। इन मतदाताओ में 10 लाख 61 हजार 927 पुरुष एवं 9 लाख 9 हजार 217 महिला वोटर शामिल है।
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