पूर्व में यह सुविधा ऑनलाइन टिकट बुक करने पर ही मिलती थी, किंतु अब यह सुविधा टिकट खिड़की पर भी मिलने से टिकट काउंटर पर टिकट लेने जा रहे लोगों को काफी राहत मिलेगी। यूपीआई के जरिए डिजिटल पेमेंट से लोगों को खुले पैसे की परेशानी से निजात मिलेगी। इसके साथ ही टिकट काउंटर पर मौजूद कर्मचारी का कैश मिलाने में लगने वाले समय भी बचेगा। साथ ही कैश को बैंक में जमा कराने के काम से भी निजात मिलेगी। डिजिटल पेमेंट के जरिए कम समय में लोगों को टिकट मिलेगा, जो कि पूरी तरह से पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर अभी तक 437 लोकेशनों पर डिजिटल भुगतान हेतु डायनामिक क्यूआर कोड कमिशनिंग कर 100% लक्ष्य पूरा कर लिया गया है । रेलवे की इस नई व्यवस्था से लोग रेलवे स्टेशन पर मौजूद टिकट काउंटर पर भी क्यू आर कोड के जरिए पेमेंट कर सकेंगे। इसमें पेटीएम, गूगल पे और फोन पे जैसे प्रमुख UPI मोड से भुगतान किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त उत्तर पश्चिम रेलवे के 123 स्टेशनों पर 211 एटीवीएम द्वारा डिजिटल माध्यम से अनारक्षित टिकिट की सुविधा भी है। इसके साथ ही हाल ही में रेलवे ने साधारण श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यूटीएस ऑन मोबाइल एप में भी बड़ा बदलाव किया है, जिसमें जनरल टिकट बुक करवाने की दूरी सीमा को समाप्त कर दिया गया है।
इस सुविधा के प्रारम्भ होने के फलस्वरूप अब यात्री जनरल टिकट किसी भी स्थान से बुक करवा सकते हैं। इससे पूर्व यूटीएस ऑन मोबाइल एप के माध्यम से जनरल टिकट बुक करने की अधिकतम दूरी सीमा 20 किलोमीटर थी अर्थात् कोई भी यात्री स्टेशन के प्लेटफार्म से 20 किलोमीटर से अधिक दूरी होने पर टिकट बुक नहीं करवा सकता था।
अब दूरी सीमा को समाप्त करने से जनरल टिकट कहीं से भी ऑनलाइन बुक हो सकता है। बता दें कि जियो फेसिंग की न्यूनतम दूरी में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है जिसके तहत यात्री प्लेटफार्म और ट्रेन के अन्दर से ऑनलाइन जनरल टिकट बुक नहीं करवा सकता है।