जयपुर

जेडीए जमीन पर दो टर्मिनल तैयार होते तो बंट जातीं बसें, जाम का भी होता तमाम

नारायण सिंह तिराहा बस स्टैंड से रोज 1000 से अधिक सरकारी और निजी बसों का संचालन होता है। इनमें से ज्यादातर बसें दिल्ली रोड और आगरा रोड पर जाती हैं। ऐसे में यदि रोडवेज जेडीए की आवंटित जमीन पर बस टर्मिनल तैयार होते तो लोगों को जाम से निजात मिल चुकी होती और बसें भी […]

जयपुरNov 09, 2024 / 05:39 pm

Amit Pareek

नारायण सिंह तिराहा बस स्टैंड से रोज 1000 से अधिक सरकारी और निजी बसों का संचालन होता है। इनमें से ज्यादातर बसें दिल्ली रोड और आगरा रोड पर जाती हैं। ऐसे में यदि रोडवेज जेडीए की आवंटित जमीन पर बस टर्मिनल तैयार होते तो लोगों को जाम से निजात मिल चुकी होती और बसें भी दो हिस्सों में बंट जाती। यानी दिल्ली और हरियाणा की ओर से आने वाली बसें दिल्ली रोड पर रुक जातीं और आगरा की ओर से आने वाली बसों को कानोता में ही रोक दिया जाता। लेकिन शहर के बाहर बस टर्मिनल ले जाने पर परिवहन विभाग चुप्पी साधे हुए है। जेडीए ने दिल्ली रोड पर अचरोल में करीब 10 हजार वर्ग मीटर और आगरा रोड पर कानोता में 10023 वर्ग मीटर जमीन करीब तीन वर्ष पहले आवंटित की थी।
भविष्य में मिलेगी राहत

-जो जगह जेडीए ने बस टर्मिनल के लिए आवंटित की हैं, वहां से सिटी बसों का संचालन किया जाए तो शहर से कनेक्टिविटी शुरू हो जाए। क्योंकि भविष्य में मेट्रो का विस्तार भी होगा।
-आने वाले समय में ट्रांसपोर्ट नगर तक मेट्रो शुरू हो जाएगी। ऐसे में दिल्ली और आगरा रोड का जुड़ाव सीधे शहर से हो जाएगा।

तीन वर्ष बाद बदली पसंद

हाल ही ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में परिवहन विभाग की ओर से प्रस्ताव आया। उसमें जेडीए की ओर से आवंटित जमीन परिवहन विभाग को पसंद नहीं आई। इसमें एक रिपोर्ट का तर्क देते हुए कहा गया कि बस टर्मिनल के लिए जमीन उचित नहीं है। साथ ही नए विकल्प भी दिए गए। हैरानी की बात यह है कि रिपोर्ट बनवाने में परिवहन विभाग को तीन वर्ष का समय लग गया।
सिर्फ एक जगह बन पाया बस टर्मिनल

-जेडीए ने चार जगह जमीन आवंटित की थी, इनमें से अजमेर रोड पर हीरापुरा में बस टर्मिनल बनकर तैयार हो चुका है। माना जा रहा है कि जल्द ही यहां से बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।
-200 फीट बाइपास से यह बस टर्मिनल सटा हुआ है। 200 फीट बाइपास चौराहे से मेट्रो ट्रेन का भी संचालन शुरू होगा। साथ ही इस मेट्रो को टर्मिनल तक ले जाने पर भी प्लान चल रहा है। ऐसे में बस टर्मिनल की कनेक्टिविटी भी बेहतर हो जाएगी।
भविष्य में मिलेगी राहत

-जो जगह जेडीए ने बस टर्मिनल के लिए आवंटित की हैं, वहां से सिटी बसों का संचालन किया जाए तो शहर से कनेक्टिविटी शुरू हो जाए। क्योंकि भविष्य में मेट्रो का विस्तार भी होगा।
-आने वाले समय में ट्रांसपोर्ट नगर तक मेट्रो शुरू हो जाएगी। ऐसे में दिल्ली और आगरा रोड का जुड़ाव सीधे शहर से हो जाएगा।

तीन वर्ष बाद बदली पसंद

हाल ही ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में परिवहन विभाग की ओर से प्रस्ताव आया। उसमें जेडीए की ओर से आवंटित जमीन परिवहन विभाग को पसंद नहीं आई। इसमें एक रिपोर्ट का तर्क देते हुए कहा गया कि बस टर्मिनल के लिए जमीन उचित नहीं है। साथ ही नए विकल्प भी दिए गए। हैरानी की बात यह है कि रिपोर्ट बनवाने में परिवहन विभाग को तीन वर्ष का समय लग गया।
सिर्फ एक जगह बन पाया बस टर्मिनल

-जेडीए ने चार जगह जमीन आवंटित की थी, इनमें से अजमेर रोड पर हीरापुरा में बस टर्मिनल बनकर तैयार हो चुका है। माना जा रहा है कि जल्द ही यहां से बसों का संचालन शुरू हो जाएगा।
-200 फीट बाइपास से यह बस टर्मिनल सटा हुआ है। 200 फीट बाइपास चौराहे से मेट्रो ट्रेन का भी संचालन शुरू होगा। साथ ही इस मेट्रो को टर्मिनल तक ले जाने पर भी प्लान चल रहा है। ऐसे में बस टर्मिनल की कनेक्टिविटी भी बेहतर हो जाएगी।

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