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जयपुर

सस्ती बिजली प्रोजेक्ट के साथ उत्पादन यूनिट लगे तो बदले तस्वीर

प्रदेश में निवेश का सूरज ऊर्जा क्षेत्र में ज्यादा चमक सकता है। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में अब तक 20.52 लाख करोड़ के एमओयू हुए हैं और इसमें से 12.82 लाख करोड़ का अकेले ऊर्जा क्षेत्र में निवेश होगा। इस आंकड़े से अफसरों की बांछे तो खिल गई, लेकिन इसका सीधा लाभ जनता तक कैसे पहुंचेगा, इसका प्लान बनाना भी उतना ही जरूरी है।

जयपुरNov 19, 2024 / 06:49 pm

GAURAV JAIN

-सस्ती बिजली में हमारी हिस्सेदारी भी अनिवार्य रूप से तय हो तो जनता तक पहुंचे सीधा लाभ

राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट

-अभी तक 20.52 लाख करोड़ के एमओयू हुए, जिसमें से 12.82 लाख के केवल ऊर्जा क्षेत्र में
जयपुर. प्रदेश में निवेश का सूरज ऊर्जा क्षेत्र में ज्यादा चमक सकता है। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में अब तक 20.52 लाख करोड़ के एमओयू हुए हैं और इसमें से 12.82 लाख करोड़ का अकेले ऊर्जा क्षेत्र में निवेश होगा। इस आंकड़े से अफसरों की बांछे तो खिल गई, लेकिन इसका सीधा लाभ जनता तक कैसे पहुंचेगा, इसका प्लान बनाना भी उतना ही जरूरी है।
अभी सोलर और विंड प्लांट से जितनी बिजली बनी रही है, उसमें से करीब 70 प्रतिशत बाहर जा रही है। ऐसे में अब जो प्रोजेक्ट आए, उनमें प्रदेश की हिस्सेदारी भी तय हो। तभी आमजन तक सस्ती बिजली पहुंचेगी। उद्योगों को राहत मिलने की उम्मीद भी जगेगी। साथ ही सोलर पैनल व अन्य उपकरणों की उत्पादन यूनिट भी यहीं लगाने पर काम हो। इससे नियमित रोजगार की संभावना बनेगी। भिवाड़ी, कोटा, बांसवाड़ा, झालावाड़, चित्तौड़गढ़ सहित कई शहर ऐसे हैं जहां सोलर पैनल व अन्य उपकरण के लिए उत्पादन यूनिट लगाई जा सकती है।
इन क्षेत्रों में हुए एमओयू

ऊर्जा- 12.82

उद्योग- 3.31

माइन्स- 1.70

शहरी विकास- 0.97

पर्यटन- 0.60

कृषि- 0.38

एम एंड एच- 0.23

शिक्षा- 0.17

आईटी- .014
एविएशन- 0.11

अन्य- 0.08

(राशि लाख करोड़ में है)

इसे समझने की जरूरत

-बड़ी कंपनियां राजस्थान में सोलर पार्क लगाने के लिए निवेश कर रही हैं। सरकार भी इन्हें जमीन आवंटित कर रही है, लेकिन यहां उत्पादित सौर ऊर्जा का बड़ा हिस्सा (करीब 70 प्रतिशत) दूसरे राज्यों मेें सप्लाई किया जा रहा है। जबकि, कुल उत्पादित बिजली का 7 प्रतिशत हिस्सा डिस्कॉम्स ले सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। रिन्यूएबल एनर्जी डवलपमेंट फेसिलिटेशन चार्ज की बजाय सात प्रतिशत मुफ्त बिजली लें तो बिजली संकट दूर हो। प्रदेश के लोगों को फायदा मिले।
-एसओपी तय हो जिसमें आवेदन से लेकर प्रोजेक्ट संचालन तक की प्रक्रिया तय हो।

-उन्हीं निवेशकों को रियायत व अन्य फायदा मिले, जो प्रोजेक्ट में प्रदेश के लोगों को जोड़े।

-सोलर, विंड, हाइड्रोजन के प्रोजेक्ट लगाने के साथ-साथ उत्पादन यूनिट में भी यहीं लगाए। इसे भी प्रभावी तरीके से लागू करें। इससे रोजगार के ज्यादा अवसर मिलेंगे।
यूएई का होगा बड़ा निवेश

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगा। यूएई के निवेश मंत्री मोहम्मद हसन अल सुवैदी ने पिछले दिनों जयपुर में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में एमओयू किया। इससे प्रदेश के पश्चिमी जिलों में 60 गीगावाट क्षमता की सोलर, विंड एवं हाइब्रिड परियोजना स्थापित होगी।
इसलिए हमारे के लिए बड़े अवसर

देश में सबसे ज्यादा रेडिएशन (सौर ऊर्जा) राजस्थान में है। यहां प्रति वर्गमीटर एरिया से हर साल 5.72 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है। जबकि, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्य हमसे काफी पीछे हैं। यही कारण है कि निवेशकों की नजर राजस्थान की तरफ ज्यादा है।
अभी ये है प्राकृतिक ऊर्जा की प्लांट्स की क्षमता

-24 हजार मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट

-5200 मेगावाट क्षमता के विंड एनर्जी प्लांट

-128 मेगावाट के बायोमॉस प्रोजेक्ट

-24 मेगावाट का स्मॉल हाइड्रो

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