scriptआइएएस राजेन्द्र विजय की ‘ऊपरी कमाई’ खेल : प्लॉटों की फेहरिस्त इतनी लंबी कि कई महीने लगेंगे पड़ताल में | IAS Rajendra Vijay extra income game : The list of plots is so long that it will take many months to investigate | Patrika News
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आइएएस राजेन्द्र विजय की ‘ऊपरी कमाई’ खेल : प्लॉटों की फेहरिस्त इतनी लंबी कि कई महीने लगेंगे पड़ताल में

एसीबी को संदेह: आइएएस ने ही खरीदी थी परिजन के नाम सम्पत्ति। पहले मां-बाप के नाम खरीद, फिर पत्नी के नाम गिफ्ट डीड।

जयपुरOct 08, 2024 / 11:50 am

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जयपुर. कोटा के तत्कालीन संभागीय आयुक्त राजेन्द्र विजय प्रभावशाली पदों पर रहे। इस दौरान उन्होंने ‘ऊपरी’ कमाई को जमीनों में निवेश किया। एसीबी को उनके इतने भूखंडों की जानकारी मिली है कि उनकी पड़ताल में ही कई माह लग जाएंगे। जांच में एक और कारस्तानी पकड़ी गई है। आइएएस के परिजन के नाम पहले जमीन खरीदी जाती है और फिर गिफ्ट डीड के माध्यम से उसे पत्नी के नाम करा दी जाती है। एसीबी को आशंका है कि यह खरीद अधिकारी ने ही अपनी कमाई से की थी। एसीबी अब इसके सबूत जुटाने में लगी है।
एसीबी जांच में सामने आया कि सिकराय के दुब्बी में उनके पिता के नाम पैतृक जमीन थी। यह जमीन पिता ने गिफ्ट डीड से अधिकारी की पत्नी के नाम कराई। इसके अलावा रोचक मामला जगतपुरा के पास सवाई गेटोर में मिला। यहां पिता के नाम वर्षों पहले दो प्लॉट खरीदे गए। उनकी कीमत करीब 21 हजार रुपए बताई गई। इसके बाद ये प्लॉट अधिकारी की पत्नी के नाम उपहार (गिफ्ट डीड) के रूप में किए गए। अधिकारी ने इनको कुछ वर्ष पहले करीब एक करोड़ रुपए में बेचान किया। ठीक इसी तरह टोंक रोड पर कमानी फार्म हाउस के सामने भी मां के नाम दो प्लाट खरीदे गए थे। जो बाद में उनकी पत्नी के नाम उपहार (गिफ्टडीड) के माध्यम से कराए गए। एसीबी प्लॉट खरीद के समय के लेन-देन की पड़ताल में जुटी है।
आरएएस के समय से थे रडार पर, सबूत जुटाने में लगे वर्षों
राजेन्द्र विजय एसीबी के रडार पर आरएएस के समय से ही थे। सूत्रों के अनुसार एसीबी इंटेलीजेंस ने उनके बारे में पांच साल पहले ही सूचना दे दी थी। इसके बाद उससे जुड़़े साक्ष्य जुटाए जा रहे थे। आइएएस में पदोन्नत होने के बाद भी उन्होंने कई सम्पत्ति बनाई। इससे मामला बढ़ता गया और आखिरकार एसीबी ने अब कार्रवाई को अंजाम दिया।
राजदार चालक से एसीबी ने की पूछताछ
एसीबी आइएएस राजेन्द्र विजय के चालक चतर से भी पूछताछ की। आशंका है कि अधिकारी की ‘ऊपरी’ आय व निवेश की चालक को पूरी जानकारी है। कभी अधिकारी के यहां चालक रहा चतर अब ठेकेदारी करता है।
लॉकर में चांदी की सिल्ली व आभूषण
एसीबी ने सोमवार को राजेन्द्र विजय के लॉकर को खोला, जिसमें एक किलो चांदी की सिल्ली व अन्य आभूषण मिले हैं। लॉकर में सिल्ली के अलावा चांदी के सिक्के व आभूषण तथा सोने के आभूषण भी मिले हैं।

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