आदेश में कहा गया है कि 1 जुलाई से थाने में आने वाले परिवादों को CCTNS पर ही दर्ज करें। पुलिस अभी परिवाद को रजिस्टर में दर्ज कर इतिश्री कर लेती है। इस फैसले को Rajasthan DGP कपिल गर्ग ने अहम फैसला बताया है।
कपिल गर्ग ने कहा कि अब तक हमारे यहां जो परिवाद प्राप्त होते हैं। उनकी एंट्री एक रजिस्टर में दर्ज करते हैं। इसका न तो कोई डेटाबेस होता है ना की इसका कोई फॉलोअप हो पाता है।
गर्ग ने कहा कि इसको लेकर अब हमने फैसला किया है कि जो भी परिवाद आएगा उसकी सीसीटीएनएस ( CCTNS citizen Portal Rajasthan ) में एंट्री आवश्यक रूप से की जाएगी और सर्वर से परिवाद नंबर आएगा वो परिवादी को दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ये सुविधा ऑनलाइन भी दी गई है। कोई भी परिवादी कहीं से भी ऑनलाइन परिवाद दर्ज करा पाएगा। जैसे ही परिवाद दर्ज होगा परिवादी को मोबाइल नंबर पर नोटिफिकेशन आएगा और उनको परिवाद नंबर मिलेगा।
जैसे ही जांच अधिकारी मामले की जांच के लिए आएगा परिवादी काे नोटिफिकेशन आएगा और उसकाे अपने परिवाद के हर अपडेट के बारे में जानकारी मिलेगी। आगे चलकर यदि यह परिवाद अभियोग के रूप में पंजीकृत होता है तो इसी परिवाद को एफआईआर ( online fir in rajasthan ) में परिवर्तित किया जा सकेगा।
डीजीपी ने कहा कि पुलिस की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए ही यह बड़ा कदम साबित होगा। डीजीपी ने कहा कि इसको लेकर पूरी टीम काम कर रही है। भविष्य में इसके अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है।
गर्ग ने कहा कि ऑनलाइन दर्ज होने वाले परिवादों को देखने के लिए हर थाने में एक टीम सुबह और शाम को सीसीटीएनएस को जांचेगी। इसके बाद दर्ज शिकायत के निस्तारण के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।