जयपुर

जानें कैसे शुरू हुई थी संडे की छुट्टी, 7 सालों तक किया था संघर्ष

Sunday Holiday Started In India: संडे यानी फन डे, सप्ताह भर काम करके लोग थक जाते है और संडे का बेसब्री से इंतजार करते है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर संडे को ही छुट्टी क्यों होती है?

जयपुरJun 10, 2023 / 04:02 pm

Kirti Verma

Sunday Holiday Started In India: संडे यानी फन डे, सप्ताह भर काम करके लोग थक जाते हैं और संडे का बेसब्री से इंतजार करते हैं । लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर संडे को ही छुट्टी क्यों होती है? ये संडे की शुरुआत कब से हुई?

संडे को वीकेंड हॉलिडे घोषित करने से पहले सभी लोग 7 दिन तक लगातार काम करते थे। बच्चों को भी बिना किसी छुट्टी के लगातार पढ़ाई करनी पड़ती थी। सालों पहले संडे की छुट्टी का सिलसिला शुरू हुआ। जिसके पीछे कई रोचक जानकारियां छिपी हुई हैं।

1. सात साल चला संघर्ष
10 जून 1890 को अंग्रेजी हुकूमत ने रविवार के दिन छुट्टी घोषित की थी। प्राचीन समय में अंग्रेज सातों दिन मजदूरों से काम करवाया करते थे, जिसकी वजह से उनके स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता था। मजदूरों का शोषण किया जाता था। ऐसे में भारत में ट्रेड यूनियन मूवमेंट के जनक कहे जाने वाले नारायण मेघाजी लोखंडे ने रविवार के दिन छुट्टी घोषित की। संडे यानी वीकेंड हॉलिडे के लिए देश में लंबा आंदोलन भी चला था। जिसकी शुरुआत नेता नारायण की थी और अंग्रेजों के खिलाफ लंबा संघर्ष करते हुए आंदोलन चलाया। उन्हीं के आंदोलन के कारण अंग्रेज हुकूमत ने 10 जून को भारतीयों के लिए रविवार के दिन को साप्ताहिक अवकाश मिलना शुरू हुआ।

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2. बच्चों को मिले क्रिएटिविटी का समय
1844 में, ब्रिटिश गवर्नर-जनरल ने स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए ‘संडे हॉलिडे’ का प्रावधान पेश किया था ताकि बच्चों को इस दिन कुछ क्रिएटिविटी करने का समय मिले और रेगुलर पढ़ाई से हटके कुछ कर सकें। वहीं अंग्रेजों की मान्यता है कि ईश्वर ने सिर्फ 6 दिन ही बनाए थे, इसी वजह से सातवां दिन आराम का होता है।


3. धार्मिक मान्यता
संडे को लेकर धार्मिक मान्यताएं ये है कि हिंदू धर्म के हिसाब से हफ्ते की शुरुआत सूर्य के दिन यानी रविवार से मानी जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार सप्ताह की शुरुआत रविवार से होती है इसलिए शुरआत की छुट्टी का प्रावधान रखा गया।

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4. रविवार को यीशु मसीह की पूजा
संडे के दिन छुट्टी को इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन अग्रेंज काम नहीं करते थे। संडे को चर्च जाकर प्रभु यीशु मसीह को याद करते हैं और प्रभु यीशु के बताए वचनो को याद करते हैं। इसलिए संडे को छुट्टी करके यीशु मसीहा को याद करने का दिन माना गया है।

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