जयपुर बुक लवर्स क्लब भी बुक रीडिंग के जरीए समाज में बेहतर बदलाव ला रहा है। क्लब के सदस्य प्रशांत ने बताया कि जहां लोग पहले एक ही किस्म की बुक्स पढ़ना पसंद करते थें और बाजार में इतनी सारी बुक्स उपलब्ध होने से वह अन्य लेखकों की किताबों को पढ़ने से झिझकते थे, अब क्लब्स में लोगों से मिलकर किताबों पर बातचीत करने के साथ नए विषयों पर किताबें पढ़ने के लिए उत्सुक रहते है। जयपुर बुक क्लब ऑफलाइन व हायब्रिड मोड मीटअप सेशन करते है जहां बुक एक्सचेंज प्रोग्राम को अलावा मेंबर्स को किताबे पढ़ने के लिए प्रोत्साहन किया जाता है।
“हिंदी और अंग्रेजी में किताबें पढ़ रहे छोटे बच्चे, कोविड में डिजिटल मीटिंग में स्लाइड बनाकर प्रस्तुत करते थे कहानी”
यह कहना है अंशू हर्ष का जो पिक अ बुक, जूनियर बुक क्लब की राजस्व संचालक है। बच्चों में रीडिंग हैबिट को बढ़ावा देने के लिए शुरू हुए क्लब में बच्चे हिंदी और अंग्रेजी भाषा में किताबें पढ़ते है। साथ ही उसके बारे में चर्चा भी करते हैं। क्लब के सदस्य नवीन अग्रवाल ने बताया कि क्लब को जॉइन करने से उनके बच्चों में बुक्स पढ़ने की उत्सुकता बढ़ी है, उनके सोचने-बोलने की क्षमता में बदलाव आने से उवका आत्मविश्वास बढ़ा है।
यह कहना है अंशू हर्ष का जो पिक अ बुक, जूनियर बुक क्लब की राजस्व संचालक है। बच्चों में रीडिंग हैबिट को बढ़ावा देने के लिए शुरू हुए क्लब में बच्चे हिंदी और अंग्रेजी भाषा में किताबें पढ़ते है। साथ ही उसके बारे में चर्चा भी करते हैं। क्लब के सदस्य नवीन अग्रवाल ने बताया कि क्लब को जॉइन करने से उनके बच्चों में बुक्स पढ़ने की उत्सुकता बढ़ी है, उनके सोचने-बोलने की क्षमता में बदलाव आने से उवका आत्मविश्वास बढ़ा है।
बच्चों को सुधा मूर्ति की किताबें पढ़ना पसंद
बच्चो के अनुसार उन्हें सुधा मूर्ति की किताबे पढ़ना पसंद हैं। साथ ही उनकी रूचि पौराणिक कथाओं से लेकर मोटिवेशनल किताबें जैसे 5 एएम क्लब पढ़ने में भी है। जो उनके लिए पब्लिक स्पीकिंग की राह को भी आसान बना रहा है।
बच्चो के अनुसार उन्हें सुधा मूर्ति की किताबे पढ़ना पसंद हैं। साथ ही उनकी रूचि पौराणिक कथाओं से लेकर मोटिवेशनल किताबें जैसे 5 एएम क्लब पढ़ने में भी है। जो उनके लिए पब्लिक स्पीकिंग की राह को भी आसान बना रहा है।
छोटे बच्चों के लिए यह किताबें बेहतर
छोटे बच्चों में किताबों के प्रति रूची को बढ़ाने के लिए अभिभावक रंग बिरंगे पिक्टॉरीअल बुक से शुरुआत कर सकते हैं। बच्चों में पढ़ने और लिखने की रूची बढ़ने से, आने वाले वर्षों में शहर में भी बड़े पैमाने पर बच्चों के लिए लिटरेचर फेस्टिवल होने की संभावना है।
छोटे बच्चों में किताबों के प्रति रूची को बढ़ाने के लिए अभिभावक रंग बिरंगे पिक्टॉरीअल बुक से शुरुआत कर सकते हैं। बच्चों में पढ़ने और लिखने की रूची बढ़ने से, आने वाले वर्षों में शहर में भी बड़े पैमाने पर बच्चों के लिए लिटरेचर फेस्टिवल होने की संभावना है।