मंदी ने नहीं बिक पाए 22 हजार मकान
हाउसिंग बोर्ड के करीब 22 हजार मकान बरसों से ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मंदी की वजह से इन मकानों की बिक्री नहीं हो पा रही है। मंदी के चलते निजी कॉलोनाइजर्स ने तो जमीन और मकानों के दाम घटा दिए, लेकिन बोर्ड ने दरों में कमी नहीं की, जिसकी वजह से इन मकानों का निपटारा नहीं हो पा रहा है। लंबे समय से मांग की जा रही थी कि मकानों के दाम कम किए जाएं। सरकार बदलने के बाद सभी कार्यालयों ने दाम घटाने के प्रस्ताव सरकार को दिए हैं। जिन्हें बोर्ड बैठक में रखकर फैसला किया जाएगा।
डीएलसी-आरक्षित दरों के लिए वर्कशॉप
डीएलसी और आरक्षित दरों को लेकर भी यूडीएच जल्द ही एक वर्कशॉप करने जा रहा है। इस वर्कशॉप में रीएल एस्टेट के लोगों को बुलाकर सुझाव लिए जाएंगे। सरकार मानस बना चुकी है कि वर्तमान बाजार दरों के अनुरूप डीएलसी और आरक्षित दरों में कमी की जाए।
बिल्डिंग बायलॉज बदलने की सुगबुगाहट
राज्य सरकार बिल्डिंग बायलॉज के बदलाव में भी जुटी है। धारीवाल ने बताया कि विचार किया जा रहा है कि बायलॉज नए सिरे से बनाए जाएं या फिर पुराने बायलॉज में परिवर्तन किया जाए। इसके पीछे निकायों की आय बढ़ाने का तर्क दिया जा रहा है।