हंसराज ने बताया कि ऑटो के कांच तोड़ने के बाद वह उसे हॉस्टल में ले गए वहां भी छात्रों ने उसके साथ मारपीट की। हंसराज ने बताया कि हाथ टूटने से वह अपने परिवार का गुजारा कैसे चलाएगा। ऑटो चलाकर ही वह अपने परिवार का पेट भरता है।
घटना से गुस्साए ऑटो चालकों ने अपने वाहनों को यूनिवर्सिटी मोड के पास किनारे पर लगा दिया। इन लोगों की मांग थी कि पुलिस मारपीट करने वाले हॉस्टल के छात्रों को गिरफ्तार करे। ऑटो चालक रोहित ने बताया कि 13 मई को जीटी से छात्र बैठे थे। जब उनसे किराया मांगा तो उन्होंने उसके साथ मारपीट कर दी। ऑटो चालक मंजूर ने बताया कि शुक्रवार को हॉस्टल के छात्रों से किराए के पैसे मांगे तो वह गाली गलौच कर बिना किराए दिए हुए चले गए। आए दिन हॉस्टल के छात्र उनके साथ मारपीट करते है।