विधि विधान से होली पूजन किया गया ( Jaipur News ) शहर के चौराहों पर होलिका दहन किया गया। होलिका दहन से पहले महिलाएं समूह में गीत गाती हुई होली का पूजन करने पहुंची। यहां बड़कूला चढ़ाए गए और विधि विधान से होली पूजन किया गया। इसके बाद होलिका दहन हुआ और पुरुष में होली की अग्नि लेकर पहुंचे। बड़ों का आशीर्वाद लिया।
गुलाल बरसाकर माहौल को बना दिया सतरंगी परकोटे में फाग के गूंजते गीतों के बीच अबीर व गुलाल की खुशबू से माहौल सराबोर हो उठा। होलिका दहन पर परकोटे की सड़कें रंगीन हो गईं। वहीं सिटी पैलेस की सालों पुरानी परंपरा के टूटने से सिटी पैलेस से पहले ही शहर में मुहूर्त पर होलिका दहन कर दिया गया। इस बीच लोगों ने होली का त्योहार उल्लास व उमंग के साथ मनाया। जिसके चलते लोगों ने घरों की छतों से रंग और गुलाल बरसाकर माहौल को सतरंगी बना दिया। हालांकि कोरोना वायरस के कारण कई कार्यक्रमों को निरस्त भी किया गया। बावजूद विदेशी पर्यटकों की शहर में भीड़ देखी गई। सूत्रों के मुताबिक, सिटी पैलेस के धुलंडी कार्यक्रम को भी आखिरी समय में रदद कर दिया गया।
शहरवासियों के लिए बना चर्चा का विषय उधर, सिटी पैलेस की सालों पुरानी होलिका दहन की परंपरा का अचानक से टूटना शहरवासियों के लिए चर्चा का विषय रहा। सिटी पैलेस में देरी से होलिका दहन होने की वजह से शहर में शुभ मुहूर्त में शाम को ही होलिका दहन की सूचना शहर भर में फैल गई। गौरतलब है कि जयपुर में सबसे पहले जयपुर के पूर्व राजघराने में होलिका दहन किया जाता है, उसके बाद पूरे शहर में होलिका दहन होता है। ऐसे में सिटी पैलेस में रात 8 बजे बाद होलिका दहन हुआ जबकि शहर में लोगों ने मुहूर्त पर होलिका दहन कर होली का पर्व मनाया।
होली का मुहूर्त शाम 6 बजकर 28 मिनट से 6 बजकर 40 मिनट तक रहा। जयपुर बसने के दौरान जयपुर में सबसे पहले 1728 में सिटी पैलेस में होलिका का दहन हुआ था। तभी से होली पर सिटी पैलेस के बाद शहर में होलिका का दहन किया जाता रहा है।