होलिका दहन में इस्तेमाल होगा गौकाष्ठ
धुएं से बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया के खात्मे के लिए विभिन्न संगठनों ने होलिका दहन में जड़ी-बूटियां डालने का आह्वान किया है। गायत्री परिवार की ओर से बडक़ुलों में हवन सामग्री डलवाई है। आर्य समाज की ओर से भी होलिका दहन के दौरान हवन सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही होलिका दहन में गोबर के कंडे और गौकाष्ठ का इस्तेमाल करने की अपील की है। करीब 1000 से ज्यादा जगहों पर होलिका दहन में गौकाष्ठ का इस्तेमाल होगा।
धुएं से बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया के खात्मे के लिए विभिन्न संगठनों ने होलिका दहन में जड़ी-बूटियां डालने का आह्वान किया है। गायत्री परिवार की ओर से बडक़ुलों में हवन सामग्री डलवाई है। आर्य समाज की ओर से भी होलिका दहन के दौरान हवन सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही होलिका दहन में गोबर के कंडे और गौकाष्ठ का इस्तेमाल करने की अपील की है। करीब 1000 से ज्यादा जगहों पर होलिका दहन में गौकाष्ठ का इस्तेमाल होगा।
गौ सेवा परिवार समिति की ओर से बगरू स्थित गौशाला में देशी गाय के गोबर से गौकाष्ठ बनाई है। समिति के विष्णु अग्रवाल ने बताया कि गौकाष्ठ के जलने से हवा में फैले जहरीले बैक्टीरिया नष्ट होते हैं। सांगानेर स्थित पिंजरापोल गोशाला के पदाधिकारियों द्वारा होलिका दहन के दौरान कपूर व लौंग डालने का आह्वान किया है। ट्रस्टी राधेश्याम विजयवर्गीय ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए यह बेहद कारगर है।