जिसके बाद सारथल राजकीय प्राथमिक स्वास्थ केंद्र की चिकित्सा टीम ने तुरंत गांव पहुंचकर परिजनों से बात की है। उसके अलावा गांव के लोगों की भी मॉनिटरिंग की है। सारथल चिकित्सा प्रभारी डॉ नन्द किशोर वर्मा ने बताया कि जिला स्वास्थ्य भवन से गुरुवार को एक रिपोर्ट मिली थी जिसमें कोटा जेके लोन में भर्ती 6 माह के शिशु का एचएमपीवी वायरस से संक्रमित होना पाया गया था।
कोटा जेके लोन अस्पताल से शिशु का इलाज करवाकर लौटे परिवार को एचएमपीवी वायरस के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। शिशु के पिता बबलू लोधा ने बताया कि बच्ची दो माह की थी तब से सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित रहती थी। इलाज के लिए अकलेरा, झालावाड़ और कोटा के कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद कोटा जेके लोन अस्पताल में उसे भर्ती करवाया गया, जहां बच्ची को 13 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया। स्वस्थ होने पर परिवार चार दिन पहले गांव लौटा है।
बता दें कि हालिया डूंगरपुर के रीछा गांव में एचएमपीवी वायरस होने की एक बच्चे में पुष्टि हुई थी। अहमदाबाद में अस्पताल में बच्चे में एचएमपीवी वायरस की डॉक्टरों ने पुष्टि की थी। हालांकि बच्चा अब स्वस्थ है। जिसे अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया था।