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जयपुर

स्थापत्य का अद्भुत अलंकरण है ‘जगत शिरोमणि मंदिर‘, पुत्र की याद में महारानी ने करवाया था निर्माण

स्थापत्य का अद्भुत अलंकरण है ‘जगत शिरोमणि मंदिर‘, पुत्र की याद में महारानी ने करवाया था निर्माण

जयपुरAug 09, 2017 / 03:08 pm

dinesh

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स्थापत्यकला का बेजौड़ उदाहरण है जयपुर के आमेर में स्थित जगत शिरोमणि मंदिर। यह मंदिर महाराजा मानसिंह प्रथम के पुत्र जगतसिंह की याद में बनवाया गया था। मंदिर के निर्माण में दक्षिण भारतीय शैली का प्रयोग किया गया है।
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महाराजा मानसिंह प्रथम की पत्नी महारानी कनखावती ने पुत्र जगतसिंह की याद में इस भव्य कलात्मक मंदिर का निर्माण करवाया था। मंदिर का निर्माण कार्य 1599 ई. में आरंभ हुआ और 1608 ई. में यह तैयार हुआ।
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महारानी की इच्छा थी कि इस मंदिर के द्वारा उनके पुत्र को सदियों तक याद रखा जाए। इसीलिए इस मंदिर का नाम ‘जगत शिरोमणि‘ रखा गया।
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 पीले पत्थर, सफ़ेद और काले संगमरमर से बने इस मंदिर में पुराण कथाओं के आधार पर गढ़े गए शिल्प भी दर्शन योग्य हैं। मंदिर का मंडप दुमंजिला और भव्य है।
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‘जगत शिरोमणि’ भगवान विष्णु का ही एक नाम है। मंदिर के निर्माण में दक्षिण भारतीय शैली का प्रयोग किया गया है। उस समय इस मंदिर के निर्माण में 11 लाख रुपए खर्च हुए थे।
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 मंदिर के तोरण, द्वारशाखाओं, स्तंभों आदि पर बारीक शिल्प का काम किया गया है। मंदिर में कृष्ण की भक्त मीरा बाई और कृष्ण के मंदिर भी हैं। साथ ही भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ की भी भव्य प्रतिमा है।
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मुख्य उपासना गृह में राधा, गिरिधर, गोपाल और भगवान विष्णु जी की मूर्तियां हैं। मंदिर के सामने हाथ जोड़े खड़ी गरुड़ की प्रतिमा स्थापत्य का अद्भुत उदाहरण है।
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