हिंगोनिया गोशाला के चिकित्सालय में गोवंश के पोस्टमार्टम में सामने आया है कि गोवंश के पेट में 35 से 40 किलो तक पॉलिथिन निकलती है। इसके अलावा सिक्के, लोहे की कीलें, हवाई चप्पल तक पेट से निकलती हैं। अधिकतर गोवंश की पेट में अत्यधिक पॉलीथिन होने से मौत हो जाती है।
70 फीसदी मौतों का कारण पॉलीथिन
हिंगोनिया गोशाला के चिकित्सकों की मानें तो गोवंश की मौत का बड़ा कारण पॉलीथिन ही है। पॉलीथिन खाने से 70 फीसदी गोवंश की मौत हो जाती है। इसमें छह माह के बछड़े से लेकर गाय तक शामिल हैं। वहीं, 30 फीसदी मौत विभिन्न हादसों की वजह से होती है।
70 फीसदी मौतों का कारण पॉलीथिन
हिंगोनिया गोशाला के चिकित्सकों की मानें तो गोवंश की मौत का बड़ा कारण पॉलीथिन ही है। पॉलीथिन खाने से 70 फीसदी गोवंश की मौत हो जाती है। इसमें छह माह के बछड़े से लेकर गाय तक शामिल हैं। वहीं, 30 फीसदी मौत विभिन्न हादसों की वजह से होती है।
बढ़ रहे मौत के आंकड़े
इस वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो गोवंश के मौतों की संख्या हर महीने बढ़ रही है। जनवरी से लेकर मई तक 8637 गोवंश की मौत हिंगोनिया गोशाला में हुई है। इनमें से 937 गोवंश का पोस्टमार्टम किया गया तो ज्यादातर के पेट से भारी संख्या में पॉलीथिन निकली।
इस वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो गोवंश के मौतों की संख्या हर महीने बढ़ रही है। जनवरी से लेकर मई तक 8637 गोवंश की मौत हिंगोनिया गोशाला में हुई है। इनमें से 937 गोवंश का पोस्टमार्टम किया गया तो ज्यादातर के पेट से भारी संख्या में पॉलीथिन निकली।
माह कुल मृत गोवंश पोस्टमार्टम किया पॉलीथिन निकली
जनवरी 1801 152 6736 किलो
फरवरी 1088 196 7334 किलो
मार्च 1572 247 11836 किलो
अप्रेल 1968 181 7783 किलो
मई 2208 161 6133 किलो
जो गोवंश गोशाला में आता है, उनमें से प्रतिदिन औसतन 50 गोवंश की मौत हो जाती है। इनमें से कुछ का पोस्टमार्टम किया जाता है। 70 फीसदी मौत पेट में अत्यधिक पॉलीथिन की वजह से होती है।
—डॉ़ राधेश्याम मीणा, उप निदेशक, हिंगोनिया गोशाला
जनवरी 1801 152 6736 किलो
फरवरी 1088 196 7334 किलो
मार्च 1572 247 11836 किलो
अप्रेल 1968 181 7783 किलो
मई 2208 161 6133 किलो
जो गोवंश गोशाला में आता है, उनमें से प्रतिदिन औसतन 50 गोवंश की मौत हो जाती है। इनमें से कुछ का पोस्टमार्टम किया जाता है। 70 फीसदी मौत पेट में अत्यधिक पॉलीथिन की वजह से होती है।
—डॉ़ राधेश्याम मीणा, उप निदेशक, हिंगोनिया गोशाला