हिन्दी ने जोड़ा इतिहास से – एडमंड डी टेलैक (फ्रांस)
बचपन में भारत में रहते हुए स्कूल में हिंदी का अध्ययन किया, लेकिन फ्रांस वापस जाने के बाद सब कुछ भूल गया। इसलिए इसे दुबारा सीखने से इसे भूल जाने का पछतावा दूर हो गया। मेरे पिता भारतीय थे, हिन्दी के माध्यम से इतिहास के हिस्सों से जुड़ने का मौका मिला। यह भाषा बहुत परिचित लगती है। हिंदी, फ्रेंच, स्पेनिश और अंग्रेजी जैसी भाषाओं के बीच कई समानताओं और आदान-प्रदान से आश्चर्यचकित हूं।
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भारतीय संस्कृति को समझने के लिए सीख रहे हिन्दी – एलिन (फ्रांस)
भारत की संस्कृति और लोगों का सोचने का तरीका बहुत पसंद है। इसको ओर अच्छे से समझने के लिए हिन्दी सीख रही हूं। ताकि यहां के लाेगों से अच्छे से संवाद कर सकूं। मैं यहां लोगों से हिन्दी में बात करती हूं तो वो बहुत खुश होते हैं। हिन्दी काव्यात्म भाषा है, जिसे सीखना उतना ही मुश्किल है।
व्यापार के लिए कोलंबियाई ले रहे हिन्दी में दिलचस्पी – गैब्रिएला मुनेरा सैंटोस (कोलंबिया)
कोलम्बिया में हिन्दी भाषा का उतना ज्ञान नहीं है। हिंदी भारत की खोज, संस्कृति से जुड़ने और इसकी सुंदर विविधता से सीखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। लेकिन दुनिया की अग्रणी आर्थिक शक्तियों में से एक भारत के साथ व्यापार करने के इच्छुक कोलंबियाई हिंदी में दिलचस्पी ले रहे हैं। यह सिर्फ भाषा के बारे में नहीं है, यह रीति-रिवाजों, मान्यताओं और तौर-तरीकों को समझाती है।
हिन्दी लगती है आकर्षक भाषा – डॉ. जोस कार्लोस रेडोंडो मार्टिनेज (स्पेन)
स्पेन के कुछ विश्वविद्यालय में हिन्दी पढ़ाई जाती है। हिंदी मुझे आकर्षित भाषा लगती है। हिंदी से भारतीय संस्कृति की गहराई को अच्छे से जान सकते हैं। इससे लोगों से संवाद करना आसान हो जाता है।
10 से अधिक देशों में 11 वर्ष से पढ़ा रहे हिन्दी पंकज खण्डेलवाल
पंकज खण्डेलवाल फ्रांस, स्पेन, यूएसए, इटली, पेरू, कोलांबिया सहित अन्य देशों में ऑनलाइन क्लास के माध्यम से हिन्दी पढ़ा रहे हैं। उन्हें फ्रेंच सीखते समय विचार आया कि विदेशी तो हमारी भाषा को सीखते ही नहीं है। उस समय सोच लिया कि अपनी भाषा को विश्च में लोगों तक पहुंचाना है। दूसरी भाषाओं को जब पढ़ा तो समझ आया हिन्दी कितनी बेहतर और वैज्ञानिक भाषा है। उनकी हिन्दी सिखाने की शुरूआत 11 वर्षों पहले यूनेस्को के एक डॉक्टर के साथ हुई। तब हिन्दी सिखाने के लिए संसाधन नहीं थे तो खुद के नियम बनाए।
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