जयपुर

हाईटेंशन: 650 करोड़ खर्च की फाइल छह माह से डम्प…पृथ्वीराज नगर में नियमों के फेर में फंसकर रह गए 20 हजार परिवार

पृथ्वीराज नगर के 20 हजार परिवार नियमों के फेर में फंसकर रह गए हैं। पृथ्वीराज नगर (पीआरएन) की 100 से अधिक कॉलोनियों में लोगों को हाईटेंशन लाइन के नए नियमों को लागू करने और इनको भूमिगत होने का इंतजार है। पीआरएन में 15 हाईटेंशन लाइनें गुजरती हैं। 81 किमी क्षेत्र में ये लाइनें फैली हुई हैं। जैसे-तैसे मामला आगे बढ़ा तो जेडीए में 650 करोड़ रुपए खर्च की फाइल छह माह से डम्प है।

जयपुरApr 08, 2024 / 11:32 am

Ashwani Kumar

हाईटेंशन: 650 करोड़ खर्च की फाइल छह माह से डम्प…पृथ्वीराज नगर में नियमों के फेर में फंसकर रह गए 20 हजार परिवार

पृथ्वीराज नगर के 20 हजार परिवार नियमों के फेर में फंसकर रह गए हैं। पृथ्वीराज नगर (पीआरएन) की 100 से अधिक कॉलोनियों में लोगों को हाईटेंशन लाइन के नए नियमों को लागू करने और इनको भूमिगत होने का इंतजार है। पीआरएन में 15 हाईटेंशन लाइनें गुजरती हैं। 81 किमी क्षेत्र में ये लाइनें फैली हुई हैं। जैसे-तैसे मामला आगे बढ़ा तो जेडीए में 650 करोड़ रुपए खर्च की फाइल छह माह से डम्प है।
दरअसल, पीआरएन में हाईटेंशन लाइन के नीचे सडक़ नहीं बनाने का प्रावधान है। जबकि, विधानसभा के सामने, वैशाली नगर, चित्रकूट सहित अन्य इलाकों में हाईटेंशन लाइन के नीचे सडक़ बनी हुई हैं।


ऐसे उलझे नियमों के फेर में
– जुलाई, 2020 में केंद्र सरकार ने 132 केवी लाइन के लिए 27 मीटर के स्थान पर 19 मीटर और 220 केवी लाइन के लिए 35 मीटर के स्थान पर 24 मीटर छोडकऱ पट्टे जारी करने का आदेश जारी किया।
– फरवरी, 2015 में राज्य सरकार ने 132 केवी के लिए 27 मीटर सेफ्टी कॉरिडोर का प्रावधान किया था। 220 केवी के लिए 35 मीटर छोडकऱ पट्टे जारी करने का आदेश जारी किया।
-इससे पहले राजधानी की कई कॉलोनियों में 60 फीट पर पट्टे जारी किए हैं।


सर्वे का काम हो चुका पूरा
राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड ने पृथ्वीराज नगर से गुजरने वाली हाईटेंशन लाइन को भूमिगत करने का सर्वे कराया। इसमें 650 करोड़ रुपए का खर्चा बताया है।


पीआरएन में यह स्थिति
क्षमतालाइनकिमी
132 KV0836.5
220 KV0745.0

दिक्कत होगी दूर
हाईटेंशन लाइन से प्रभावित भूखंडों के मालिकों के पास पट्टे नहीं हैं। नए नियम लागू होते हैं तो ये लोग पट्टे ले सकेंगे। इससे जेडीए को राजस्व मिलेगा। जेडीए पट्टा न होने की वजह से ये भूखंडधारी विद्युत कनेक्शन भी नहीं ले पा रहे हैं।


राजधानी में सर्वाधिक हाईटेंशन लाइन पीआरएन की कॉलोनयों से गुजरती हैं। लेकिन, इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नए नियम लागू करने की बात हम पिछले डेढ़ वर्ष से कर रहे हैं। लेेकिन, सुनवाई नहीं हो रही।
-अनिल माथुर, अध्यक्ष, पृथ्वीराज नगर जन विकास समिति

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