राष्ट्रीय राजधानी में पिछले सप्ताह अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की टिप्पणियों पर सवालों की बौछार का सामना करते हुए, पायलट ने कहा, उन्होंने जो कहा है वह उनके अनुभव के आधार पर है। आज हमारा मुख्य लक्ष्य एकजुट होकर लडऩा है और अगर कांग्रेस जीतती है और एक बार विधायक आ जाएंगे तो नेतृत्व चर्चा करेगा और जो भी निर्णय लिया जाएगा वह सभी को स्वीकार्य होगा।
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सीएम पद को लेकर बोले, भविष्य में क्या होगा किसी को नहीं पता
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की परंपरा रही है और उन्होंने (गहलोत) जो कहा है वह सही है। यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य में पार्टी की जीत होने पर गहलोत फिर से मुख्यमंत्री होंगे, पायलट ने कहा, भविष्य में क्या होगा यह किसी को नहीं पता है। हम अतीत से अपनी सीख और अनुभव लेते हैं और उसे वर्तमान में क्रियान्वित करते हैं। इसलिए नतीजों के बाद पार्टी फैसला करेगी। गहलोत के ‘भूलो और माफ करो’ वाले बयान पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने मुझसे साफ कहा है कि हमें एकजुट होकर लडऩा होगा। किसी के लिए भी अकेले लडऩा और जीतना संभव नहीं है क्योंकि पूरा संगठन चुनाव लड़ता है। हमें आगे बढऩा होगा और अतीत को भूलना होगा। और यही समय की मांग भी है। और हम वही कर रहे हैं।
‘भूल जाओ और माफ करो’ का सिद्धांत अपनाया
जब पायलट से मोटरसाइकिल पर पीछे की सीट पर बैठे हुए गहलोत की तस्वीर दिखाने के बारे में पूछा गया तो पायलट ने कहा, ‘अब कई नई तरह की गाडिय़ां आ गई हैं। आज कुर्सी को लेकर चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि देश बहुत कठिन रास्ते पर खड़ा है। मोटरसाइकिल पर कौन बैठेगा और कॉकपिट में कौन बैठेगा, इसका फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा।
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गहलोत ने पिछले सप्ताह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि वह मुख्यमंत्री का पद छोडऩा चाहते हैं लेकिन पद उन्हें नहीं छोड़ रहा। उन्होंने यह भी कहा था कि पायलट पर टिप्पणी करते समय उन्होंने ‘भूल जाओ और माफ करो’ का सिद्धांत अपनाया है। राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।
-आईएएनएस