जयपुर

Rajasthan: गहलोत सरकार के मंत्री का खुलासा, आलाकमान जानते हैं या नहीं, सरकार रिपीट न हो इसकी सुपारी किस-किस ने ली है?

Rajasthan Politics 2023 Assembly Elections में सरकार को रोकने के लिए सुपारी ली जा रही हैं। यह हम नहीं बल्कि राजस्थान सरकार के राज्यमंत्री डॉक्टर सुभाष गर्ग का कहना है।

जयपुरMay 16, 2023 / 07:34 am

Navneet Sharma

Minister of State Dr. Subhash Garg

rajasthan politics 2023 Assembly Elections : राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। एक तरफ जहां सीएम गहलोत विधानसभा चुनावों में सरकार को वापस से रिपीट करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं, वहीं 2023 विधानसभा चुनावों में सरकार को रोकने के लिए सुपारी ली जा रही हैं। यह हम नहीं बल्कि राजस्थान सरकार के राज्यमंत्री डॉक्टर सुभाष गर्ग का कहना है।
दरअसल राजस्थान सरकार में तकनीकी शिक्षा एवं आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने 15 मई को एक ट्वीट में यह कहा है, ‘क्या ये बात आलाकमान जानता है या नहीं ?, सरकार रिपीट न हो इस बात की सुपारी किस-किस ने ली है, प्रदेश में जो बजट व महंगाई राहत कैंप अभियान के बाद जो माहौल बना है, वो सुपारी लेने वालों के गले नहीं उतर रहा है।’
हालांकि उनके इस ट्वीट को लेकर स्पष्ट तो नहीं हो सका है कि आखिर उन्होने यह सब किसके लिए और क्यों लिखा है लेकिन इस ट्वीट के बाद राजस्थान की सियासत में फिर से उबाल आने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है।

डीडवाना विधायक की पोस्ट को भी किया रीट्वीट
इससे पूर्व सरकार के मंत्री डॉक्टर सुभाष गर्ग ने अपने ट्विटर पर डीडवाना विधायक चेतन डूडी के ट्वीट रीट्वीट किए हैं जिनमें विधायक ने लिखा था, ‘आज श्री सचिन पायलट ने जिन 3 मुद्दों को उठाया वो अप्रयोगिक एवं पूरी तरह समझ से परे हैं। क्या आपको पता नहीं कि RPSC स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है जो कभी भी भंग नहीं की जा सकती। RPSC सदस्य का तो इस्तीफा भी राष्ट्रपति द्वारा मंजूर किया जाता है। आप क्यों युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं?’

पायलट और गहलोत विवाद
पिछले काफी समय से राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच काफी वक्त से खींचतान जग जाहिर है। इसको लेकर राजस्थान में 3 साल के भीतर 3 बार कांग्रेस प्रभारी बदल गए, लेकिन कोई भी गहलोत-पायलट का विवाद सुलझा नहीं पाया। हर बाद प्रभारियों पर पक्षपात के आरोप लगे। हाल ही सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन किया। रंधावा के बाेलने के बावजूद सचिन पायलट नहीं माने, विवाद जस का तस बना रहा। रंधावा पर पायलट समर्थकों ने सीएम अशोक गहलोत का पक्ष लेने के आरोप लगा। इससे पहले अविनाश पांडे के रहते जुलाई 2020 में पायलट सहित 22 विधायकों ने बगावत कर दी थी। बाद में अजय माकन के रहते 25 सितंबर को इस्तीफा पॉलिटिक्स में 80 से ज्यादा विधायकों ने इस्तीफे दे दिए थे। मामला हाईकमान की बुलाई बैठक में चुनिंदा विधायक ही पहुंचे।

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