अदालत ने कहा कि इस निलंबन में सरकार ने जो कानूनी प्रक्रिया अपनाई है, वह पूरी तरह से गलत है। मामले की सुनवाई जस्टिस इंद्रजीत सिंह की अदालत में पिछले दो दिन से चल रही थी। कोर्ट ने बुधवार को मुनेश गुर्जर के पक्ष में फैसला सुनाया।
कोर्ट में मुनेश गुर्जर की ओर से एडवोकेट विज्ञान शाह ने पैरवी करते हुए कहा कि बिना प्रारंभिक जांच के आनन—फानन में मुनेश गुर्जर को पद से निलंबित कर दिया गया। याचिकाकर्ता मेयर को सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने सरकार की ओर से पक्ष रखा।
बता दें कि मकान का पट्टा जारी करने की एवज में दो लाख रुपए की रिश्वत मामले में एसीबी ने मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर और अन्य दो दलालों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कांग्रेस की मेयर मुनेश गुर्जर को जयपुर हैरिटेज नगर निगम मेयर के पद से निलंबित कर दिया था। इसके बाद मुनेश गुर्जर ने सरकार के निलंबन के आदेश को हाइकोर्ट में चुनौती दी।