किशनपोल में विरासत संग्रहालय बनाया गया, यहां से हैरिटेज वॉक-वे शुरू हुआ, जो अजायबघर का रास्ता, हैरिटेज गली, संघीजी का रास्ता व ठठेरों का रास्ता होते हुए चौड़ा रास्ता में पर्यटक सुविधा केन्द्र को जोड़ता है।
जेडीए ने साल 2015 में करीब साढ़े 5 करोड़ रुपए खर्च कर पर्यटकों की सुविधा के लिए यह केन्द्र बनाया। तीन मंजिला इस भवन में हैरिटेज रेस्टोरेंट है, जिसमें आमेर के शीशमहल के जैसे ठीकरी ग्लास वर्क हो रहा है। वहीं कॉन्फ्रेंस हॉल है, जिसमें पर्यटकों को पर्यटन स्थलों के अलावा यहां के खान-पान व पहनावे की जानकारी उपलब्ध कराने की सुविधा विकसित करनी थी ताकि पर्यटक शहर घूमने से पहले जानकारी हासिल कर सकें, लेकिन अब इस सुविधा केन्द्र के ताले लगे हुए हैं।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने हैरिटेज वॉक-वे पर एक करोड़ खर्च कर उसे संवारने का काम किया है। कोबलर पत्थर लगाए गए, यहां हवेलियों और भवनों पर फसाड़ वर्क कर हैरिटेज कलर (रामरज कलर) किया गया। रास्ते में हैरिटेज लाइट लगाई गईं। पुराने तारों का जाल हटाकर उन्हें अंडरग्राउंड किया गया, लेकिन वॉक-वे में दिनभर गाड़ियां खड़ी रहती हैं। हैरिटेज स्मार्ट लाइट व खंभे टूटे हुए हैं। पर्यटकों के बैठने के लिए लगाई गई कुर्सियां टूटी पड़ी हैं।
किशनपोल बाजार में 170 साल पुरानी हैरिटेज इमारत को 6 साल पहले 2.41 करोड़ रुपए खर्च कर विरासत संग्रहालय का रूप दिया गया। यहां बड़े-बड़े हॉल हैं, जहां म्यूजियम बन सकता है, लेकिन इसका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। संग्रहालय खाली पड़ा है, गैलरियों के ताले लगे हैं।
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हैरिटेज वॉक-वे में लोग अक्सर ठोकर खाकर गिर जाते हैं। बुजुर्ग और महिलाएं सबसे अधिक परेशान हो रही हैं। लाइट के खंभे लगाए गए, लेकिन टूट गए और रात को अंधेरा रहता है। लोगों को सुविधा मिल जाए तो पलायन रुक सकता है।
मुकेश शर्मा, स्थानीय निवासी
कभी-कभार यहां टूरिस्ट आते हैं, लेकिन हैरिटेज वॉक-वे की बदहाली देख वापस लौट जाते हैं। वाहन रास्ते में ही खड़े रहते हैं। पर्यटक सुविधा केन्द्र बंद पड़ा है। सरकार यहां ध्यान दे तो पर्यटक आने शुरू हो जाएंगे।
विवेक भारद्वाज, स्थानीय निवासी