हेमलता जैन आगे अपने अनुभव के बारे में बताती है कि मैंने न्यूज पेपर में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पढ़ा था। उसमें लिखा था कि ब्रेस्ट में कोई गांठ, रिसाव या स्किन में अचानक बदलाव होना व गांठ में दर्द होना आदि ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। मुझे भी बाएं ब्रेस्ट में गांठ थी। मैंने परिजनों को बताए तो वे भी हरकत में आ गए। डॉक्टरों की सलाह पर मैमोग्राफी सोनोग्राफी समेत कई जांचें करवाई तो ब्रेस्ट कैंसर होने की पुष्टि हो गई।
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हेमलता जैन रुकी नहीं और आगे बताती चली गईं कहा, एकबारगी तो विश्वास ही नहीं हुआ कि मुझ कैंसर हो सकता हैं। घर में भी सब घबरा गए लेकिन मैंने हिम्मत रखी। 11 दिसम्बर 2019 को एसएमएस अस्पताल में सर्जरी हुई। इसके बाद कीमोथैरेपी शुरू हुई जो काफी कष्टप्रद थी। क्योंकि कीमोथैरेपी के लिए सुबह से शाम हो जाती थी। दूसरे-तीसरे दिन पेट नाभि के पास पेट पर इंजेक्शन लगते थे। उससे भी काफी पीड़ा होती थी। प्रत्येक 15-15 दिन के अंतराल में आठ कीमोथैरेपी हुई थी।
हेमलता ने बताया कि उपचार के दौरान कई बार मायूस व परेशान हुई थी। मुझे अच्छे से जीना है यह सोचकर खुद को पॉजिटिव रख लेती थी। हेमलता बताती है कि वो कैंसर को हरा चुकी और चार साल से स्वस्थ्य है। समय समय पर अपनी रूटीन जांचें करवाती रहती है।
हेमलता ने बताया कि मई 2020 में कीमोथैरेपी पूरी हो गई लेकिन तीन कीमोथैरेपी कोरोना काल में करनी पड़ी। पूरे परिवार को कोरोना हो गया था। हमें पंद्रह दिन तक अस्पताल में रहना पड़ा था। एक माह तक क्वारंटीन भी रहे। यह समय भी बेहद तकलीफ भरा था लेकिन हिम्मत और परिवार के सहयोग से हर मुश्किल को हराया।
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