जयपुर

स्वास्थ्य पेशेवरों की योग्यता से खिलवाड़, सरकारें और निजी क्षेत्र नहीं कर रहे परिवार चलाने जितना भी भुगतान

हेल्थ वॉरियर्स का सरकारें और निजी क्षेत्र मिलकर जमकर आर्थिक शोषण कर रहे

जयपुरApr 08, 2022 / 04:58 pm

Vikas Jain

Corona Vaccine: Message sent on mobile of 800 health workers on the first day,Corona Vaccine: Message sent on mobile of 800 health workers on the first day,50 lakh ex-gratia on health worker’s death from Corona

विकास जैन
जयपुर. कोरोना काल के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर देश के लोगों की जिंदगियां बचाने वाले हेल्थ वॉरियर्स का सरकारें और निजी क्षेत्र मिलकर जमकर आर्थिक शोषण कर रहे हैं। नर्सिंग कर्मियों, फिजियोथैरेपिस्ट और पैरामेडिकल के पेशेवर दक्ष को इंटर्नशिप के दौरान तो शर्मनाक मानदेय दिया जा रहा है, वहीं राजस्थान सहित कई राज्य सरकारें तो नई नौकरी के समय इन्हें न्यूनतम मजदूरी से भी कम भुगतान कर रही है। जबकि यह ऐसा संवर्ग है, जो अस्पतालों में हर समय मौजूद मिलता है।
देश के कुछ प्रमुख राज्यों में इन पेशेवरों के मानदेय और वेतन की स्थिति की पड़ताल में सामने आया कि अपनी पढ़ाई में लाखों रुपए खर्चने और कई साल लगाने के बाद इन्हें परिवार चलाने लायक भी मानदेय और वेतन नहीं दिए जा रहे। ऐसे 50 प्रतिशत से अधिक पेशेवर 5 और 10 हजार रुपए से भी कम मासिक वेतन पर काम करने पर मजबूर हैं। सरकारी क्षेत्र में तो करीब 60 फीसदी कर्मचारी संविदा पर हैं। हालात ऐसे हैं कि राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर इन कार्मिकों की नियामक संस्थाएं भी इनके वेतन व मानदेय में एकरूपता और मॉनिटरिंग नहीं कर पा रही है।
राजस्थान

नर्सिंग इंटर्नशिप (सरकारी) : 500 से 1000 रुपए
नर्सिंग इंटर्नशिप (निजी) : मनमर्जी अनुसार, कुछ जगह बिल्कुल नहीं
संविदा नर्सिंग (सरकारी नौकरी) : 5 से 12 हजार रुपए मासिक
एनएचएम (संविदा) : करीब 8 हजार, उसमें भी 12 प्रतिशत कटौती
पैरामेडिकल : इंटर्नशिप मानदेय नहीं
सरकारी फिजियोथैरेपी विद्यार्थी : इंटर्नशिप में मानदेय नहीं
निजी फिजियोथैरेपी विद्यार्थी : पैसे देकर इंटर्नशिप कर रहे
सीनियर डॉक्टर के यहां निजी प्रेक्टिस पर वेतन : 5 से 10 हजार रुपए मासिक
मध्यप्रदेश

नर्सिंग-पैरामेडिकल-फिजियोथैरेपी : कोई मानदेय नहीं
नर्सिंग इंटर्नशिप सरकारी कॉलेजों में मानदेय : 3 से 5 हजार
सीनियर डॉक्टर के यहां निजी प्रेक्टिस पर वेतन : 5 से 12 हजार
पूरी पढ़ाई व इंटर्नशिप के बाद : 5 से 10 हजार रुपए मासिक या इससे भी कम
छत्तीसगढ़

नर्सिंग-पैरामेडिकल-फिजियोथैरेपी सरकारी इंटर्नशिप : : 5 हजार
निजी क्षेत्र : मानदेय तय नहीं, 1 साल का बांड भरवाकर 8 से 10 हजार
सीनियर डॉक्टर के यहां निजी प्रेक्टिस पर वेतन : 10 से 15 हजार
पश्चिम बंगाल

नर्सिंग, पैरामेडिकल व फिजियोथैरेपी इंटर्नशिप (सरकारी) : 4 हजार
निजी क्षेत्र : 4 हजार तक
कुछ ऑर्थोपेडिक डॉक्टर अपनी निजी प्रेक्टिस में ऐसे स्टाफ को रखते हैं, लेकिन वे वेतन नहीं देते
सरकारी क्षेत्रों में पैरामेडिकल और फिजियोथैरेपिस्ट नौकरी: 200 से 250 रुपए प्रति दिन वेतन, निजी क्षेत्र में कहीं-कहीं 5 से 10 हजार रुपए
गुजरात (सूरत)

जनरल नर्सिंग डिप्लोमा धारी : 1200 रुपए
निजी में नौकरी : 8 से 25 हजार
पैरामेडिकल निजी क्षेत्र में अनुबंध पर : 10 से 15 हजार व सरकारी में 28 हजार रुपए
फिजियोथैरेपी : कॉलेज में 11 हजार रुपए मानदेय
कर्नाटक

नर्सिंग से निजी क्षेत्र में स्नातक : 12-15 हजार, स्नातकोत्तर 15-20 हजार और डिप्लोमा धारकों को 10-12 हजार रुपए
फिजियाथेरैपिस्ट : निजी क्षेत्र में इंटर्नशिप पर ज्यादातर अस्पताल मानदेय नहीं देते, स्नातक स्तर पर शुरुआती वेतन 15-20 हजार रुपए और स्नातकोत्तर स्तर पर शुरुआती वेतन 20-25 हजार रुपए, इंटर्नशिप के दौरान सरकार मानदेय नहीं देती
पैरामेडिकल (सरकारी) : शुरुआती वेतन करीब 20 हजार और निजी क्षेत्र में 10-15 हजार रुपए
तमिलनाडू

नर्सिंग, पैरामेडिकल और फिजियोथेरेपी का कोर्स पूरा करने के बाद इंटर्नशिप पर सरकारी क्षेत्र : 6000 रुपए मासिक, नियमित विधार्थियों को 20 हजार रुपए मासिक

2 हजार का वादा, मिला धोखा
जयपुर में निजी कॉलेज से फिजियोथैरेपी का कोर्स करने के बाद निजी क्लीनिक से इंटर्नशिप करने वाली छात्रा को पहले मानदेय के नाम पर 2 हजार रुपए मासिक बताए गए, लेकिन बाद में देेने से इनकार कर दिया गया। उसे सिर्फ मरीज की केयर के लिए होम विजिट का ही भुगतान किया गया।

जयपुर में ही एक सीनियर डॉक्टर के यहां काम कर रहे नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि उसे वेतन के नाम पर 5 हजार रुपए दिए जाते हैं, जबकि वह सुबह और शाम दोनों पारियों में यहां काम कर रहा है।

देश के अलग—अलग राज्यों में नर्सिंग संवर्ग का मानदेय व वेतन अलग अलग है। काउंसिल स्तर से यह नहीं देखा जाता, राज्य सरकारें ही इनका निर्धारण करती हैं। हम देश के सभी राज्यों से इनके मानदेय व वेतन की जानकारी जुटाकर आवश्यक सुधार का प्रयास करेंगे।
टी.दिलीप कुमार, प्रेसिडेंट, इंडियन नर्सिंग काउंसिल

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