जयपुर

हटवाड़ों ने छीना लोगों का चैन, चलने के लिए जगह भी नहीं बचती

-कुछ हाईकोर्ट के निर्देश पर चल रहे तो कइयों ने मनमर्जी से सजा लीं सड़क पर दुकानें

जयपुरSep 11, 2023 / 11:37 am

Ashwani Kumar

हटवाड़ों ने छीना लोगों का चैन, चलने के लिए जगह भी नहीं बचती

जयपुर। शहर में चल रहे हटवाड़े अब लोगों के लिए परेशानी पैदा करने लगे हैं। हर सप्ताह अलग-अलग जगह ये हटवाड़े सजते हैं। साल दर साल इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं, कोरोना के बाद तो हटवाड़े में लगने वाली दुकानों की संख्या तेजी से बढ़ी है। कुछ जगह तो यह संख्या दोगुनी तक हो गई। इन हटवाड़ों से स्थानीय लोग काफी परेशान हैं। कॉलोनी में रहने वाले लोगों का चैन छीन लिया है। दोपहर बाद से तो लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है।

 

 

खास-खास

-10 से अधिक हटवाड़े हाईकोर्ट के निर्देश पर हो रहे संचालित

-40 से अधिक हटवाड़े लगते हैं राजधानी के विभिन्न इलाकों में

-100 से लेकर 200 दुकानें तक लगती हैं एक हटवाड़े में

 

यहां सजते हटवाड़े

संजय बाजार, बजाज नगर, रामनगर पुलिया, प्रताप नगर स्थित भैंरू सर्किल, बम्वाला पुलिया के पास, महेश नगर, द्वारिकापुरी, जनता बाजार, मानसरोवर, झोटवाड़ा, विद्याधर नगर सहित कई जगह ये बाजार सजते हैं।

 

इसलिए आते लोग

-सामान्य की तुलना में कपड़े से लेकर इलेक्ट्रॉनिक आइटम सस्ता मिलता है।

-जूता-चप्पल से लेकर सजावटी सामान भी बाजार से काफी कम दर पर मिल जाता है।

 

– कुछ हटवाड़े हाईकोर्ट के आदेश पर चलाए जा रहे हैं। व्यवस्थित करने के लिए निगम ने कभी प्रयास नहीं किए। एक बार सूची जरूर मांगी थी, उसके बाद आगे कोई प्रक्रिया नहीं हुई।

-बंशीलाल, अध्यक्ष, हटवाड़ा समिति जयपुर

 

व्यवस्थित करे निगम

-निगम ने अब तक इनको व्यवस्थित करने के कदम ही नहीं उठाए हैं। वर्ष 2018 में तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने हटवाड़ों पर रोक लगा दी। साथ ही निगम अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद हटवाड़ों में संख्या सीमित करने से लेकर इनको आई कार्ड देने के निर्देश दिए थे, लेकिन निगम अधिकारियों ने इन पर कोई काम नहीं किया।

 

हटवाड़े में दुकानदारों के तर्क

– हम 200 रुपए में नया पेंट देते है। 100 रुपए में साड़ी भी मिली था। जो कम्पनी का डिफेक्ट माल होता है, उसको हम यहां लाकर बेचते हैं।

 

सुविधा शुल्क भी

– हटवाड़े में दुकान लगाने का सुविधा शुल्क भी लिया जाता है। इसके बदले में दुकानदारों को पानी से लेकर लाइट और सामान रखने के लिए पलंग तक दिया जाता है।

-अब जो नए हटवाड़े विकसित हो रहे हैं, वहां दुकानदारों से 200 रुपए तक वसूल किए जा रहे हैं।

 

हटवाड़े की वजह से निकलना मुश्किल हो जाता है। दुकान पर व्यापारी नहीं आ पाते। इनकी संख्या सीमित की जाए और जगह भी निश्चित की जाए। तभी स्थानीय लोगों और व्यापारियों को राहत मिलेगी।

-प्रकाश अग्रवाल, अध्यक्ष, महेश नगर व्यापार मंडल

 

रविवार को बाजार में दुकान खोलना मुश्किल हो जाता है। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। निगम भी चुप बैठा हुआ है। हटवाड़े को व्यवस्थित करे तो दुकानदारों को राहत मिले।

-विष्णु दत्त शर्मा, महासचिव, संजय बाजार व्यापार मंडल

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