दरअसल, हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत का पूरा श्रेय पार्टी के दिग्गज नेता और प्रदेश भाजपा प्रभारी सतीश पूनिया को दिया जा रहा है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि उन्होंने न केवल पूरे चुनावी अभियान को मजबूती से नेतृत्व दिया, बल्कि अपनी कड़ी मेहनत और दूरदर्शी रणनीतियों से हारती हुई बाजी को भी पलट दिया।
अब पूनिया को मोदी से मिल सकता है इनाम
बता दें, सतीश पूनिया की बीच चुनाव में तबीयत खराब होने के बावजूद भी चुनावी मैदान में डटे रहे। देखा गया था कि पेट का ऑपरेशन होने के बावजूद भी वोटिंग वाले दिन पार्टी कार्यालय में बैठकर पूरे दिन रणनीति बना रहे थे। अब चुनाव जीतने के बाद यह तय माना जा रहा है कि पूनिया का कद भाजपा में प्रदेश स्तर पर ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ेगा।
पूनिया के समर्थक उम्मीद लगा रहे हैं कि पीएम मोदी हरियाणा चुनाव के नतीजों का कोई बड़ा इनाम देंगे। चर्चा है कि पार्टी में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है। हरियाणा के चुनावी मैदान में इनके अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी भी डटे रहे थे। इनका भी पार्टी स्तर पर कद बढ़ सकता है।
हरियाणा में बनाई इस तरह रणनीति
हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले सतीश पूनिया ने कहा था कि पार्टी का चुनाव प्रचार 3 स्तरीय होगा। इसमें पहली पंक्ति में स्थानीय इलाकों के भाजपा कार्यकर्ता होंगे, दूसरी पंक्ति में पार्टी के प्रभारी होंगे और तीसरी पंक्ति में दिल्ली और अन्य राज्यों के वरिष्ठ नेता होंगे और ऐसा हरियाणा के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में किया जाएगा। बता दें इसी रणनीति के जरिए भाजपा ने कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव में आरक्षण के बनाए गए नैरेटिव को तोड़ा।
इसके अलावा पहलवानों के मुद्दे पर भी सतीश पूनिया ने जबरदस्त रणनीति बनाई। सतीश पूनिया ने बबीता फोगाट को इस पूरे चुनावी कैंपेन में आगे रखा, जिससे पहलवानों के नैरेटिव तोड़ने में कामयाबी हासिल की। वहीं कांग्रेस के अग्नीवीर के मुद्दे को भी जमीन पर उतरने नहीं दिया। इसके अलावा पूरे चुनावी कैंपेन में हुड्डा-शैलेजा विवाद को भी जमकर भुनाया, जोकि भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हुआ।
राजस्थान के इन नेताओं ने संभाली कमान
भाजपा ने तीस से ज्यादा नेताओं को भी हरियाणा चुनाव की कमान संभालने भेजा था। मुख्य रूप से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, सीकर, चूरू, झुंझनूं बीकानेर, जयपुर, अलवर, दौसा जिले के नेताओं को जिम्मेदारी दी गई थी। चुनाव प्रचार के लिए जाने बालों में विधायक गुरवीर सिंह बराड़, बाबा बालकनाथ, कुलदीप धनखड़, भैराराम सियोल, भागचंद सैनी, धर्मपाल गुर्जर शामिल है। इनके अलावा कई पूर्व सांसद पूर्व विधायक, सांसद प्रत्याशी, विधायक प्रत्याशी, प्रदेश पदाधिकारियों को भी हरियाणा भेजा गया था।